• Mon. Nov 25th, 2024

Amrit Today

amrittoday.in

मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों को योग दिवस की बधाई दी और लोगों को अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करने की अपील

Spread the love

रायपुर , 21 जून 2024

अमृत टुडे । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को योग दिवस की बधाई दी और लोगों को अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करने की अपील की। साय ने कहा: “इस साल पूरे विश्व में ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ की थीम पर योग दिवस मनाया जा रहा है। योग व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ समाज के कल्याणहेतु महत्वपूर्ण है। योग हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर में हज़ारों लोगों के साथ योग का अभ्यास किया। जानिए कुछ आसनों से होने वाले लाभ –

वृक्षासन के लाभ

वृक्षासन का अभ्यास करने से पैर, टखनों, जांघों, पिंडलियों और घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती है। यह योगासन रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।वृक्षासन के नियमित अभ्यास से दिमाग को स्वस्थ और संतुलित रखने में मदद मिलती है। सतर्कता और एकाग्रता में सुधार करने के लिए इस योग के अभ्यास को फायदेमंद माना जाता है। वृक्षासन तनाव से राहत देने में फायदेमंद हो सकता है।

योग के अनेक फ़ायदे हैं – यदि योग का नियमित अभ्यास किया जाये तो स्वास्थ्य अच्छा रहता है।आइये जानते हैं-“वज्रासन के लाभ” वज्रासन श्रोणि (पैल्विक) क्षेत्र में खून और तंत्रिका आवेगों के प्रवाह को बदल कर श्रोणि की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।यह संपूर्ण पाचन तंत्र को सुधारता है, पेट की बीमारियों जैसे एसिडिटी और पेप्टिक अल्सर से राहत देता है।

यह कटिस्नायुशूल (साइटिका) से पीड़ित लोगों के लिए सबसे अच्छा ध्यान आसन है।

प्राणायाम योगाभ्यास का प्रमुख घटक है और इसके कई फ़ायदे हैं ।अनुलोम-विलोम एक प्रकार का प्राणायाम है। “अनुलोम-विलोम के लाभ” अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, गठिया, माइग्रेन का दर्द, गंभीर अवसाद आदि से राहत मिलती है। अगर सही तरीके से रोजाना अनुलोम विलोम का अभ्यास किया जाए तो शरीर और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ बना रहता है। शारीरिक समस्याओं से बचाव के अलावा मानसिक स्थिति भी मजबूत होती है। अनुलोम विलोम करने से अवसाद, तनाव और चिंता दूर होती है।अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन समस्याओं वाली बीमारी ठीक करने में अनुलोम विलोम फायदेमंद है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय सामूहिक योगाभ्यास में भाग लिया। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में छोटे बच्चों के साथ साथ हजारों लोगों ने मुख्यमंत्री के साथ योगाभ्यास कर स्वस्थ रहने का संदेश दिया। “स्वयं और समाज के लिए योग” थीम पर मनाए गए 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक राजेश मूणत, गुरु खुशवंत साहेब, और अनुज शर्मा भी उपस्थित रहे। योग की बढ़ती लोकप्रियता को स्वस्फूर्त लोगों की भागीदारी ने और खास बना दिया।”भद्रासन: शारीरिक और मानसिक संतुलन के लिए आदर्श योग मुद्रा। इस आसन के नियमित अभ्यास से न केवल शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है, बल्कि पाचन तंत्र भी मजबूत होता है, रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है, और तनाव में कमी आती है। भद्रासन को अपने दैनिक योगाभ्यास में शामिल करें और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं। ताड़ आसन योग का एक प्रमुख आसन है जो शारीरिक और मानसिक संतुलन को बढ़ाने में मदद करता है। इस आसन में आप अपने पैरों को जमीन पर स्थिर करते हैं और ऊंचाई पर अपने हाथों को ऊपर उठाते हैं, जिससे आपके पूरे शरीर की मांसपेशियों में संतुलन आता है।

ताड़ आसन के लाभों में स्थिरता, संतुलन, और शारीरिक मजबूती शामिल हैं। यह आसन स्पाइनल कोर्ड को मजबूत बनाता है, पेट के आसपास की मांसपेशियों को संवारता है, और पूरे शरीर को संतुलित बनाता है। इसके अलावा, यह आसन मानसिक स्थिरता और ध्यान को बढ़ावा देता है।

ताड़ आसन को नियमित रूप से प्रैक्टिस करने से आपका शरीर स्थिर और संतुलित रहता है, और मानसिक स्थिरता भी प्राप्त होती है। यह आसन सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए सुलभ है और सेहत को सुधारने में मदद करता है। ध्यान मुद्रा योग में एक महत्वपूर्ण और प्रमुख मुद्रा है जो ध्यान और ध्यान की शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है। इस मुद्रा में आपके हाथों को उन्नत एवं ध्यानार्ध के रूप में रखा जाता है, जो कि मन को स्थिर और शांत रखने में मदद करता है।

ध्यान मुद्रा के लाभों में मानसिक स्थिरता, ध्यान की गहराई, और ध्यान संबंधित कौशलों का विकास शामिल है। यह मुद्रा में प्राण वायु की संचालन में भी सहायक होती है, जो कि शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है और मानसिक समता प्राप्त करने में सहायक होता है।ध्यान मुद्रा को ध्यान और मेधाशक्ति को विकसित करने के लिए आदर्श माना जाता है, और इसे योग अभ्यास में नियमित रूप से शामिल किया जाता है।

अर्ध उष्ट्रासन एक प्रशांतिकरण योग आसन है जो शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक संतुलन को बढ़ाने में मदद करता है। इस आसन में आपके पैरों को पीछे की ओर खींचा जाता है जो कि रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मदद करता है और पेट के आसपास के क्षेत्र को स्थिर करता है। इसके अलावा, यह आसन पेट के आसपास के अंगों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है।

अर्ध उष्ट्रासन के लाभों में शारीरिक लाभों के साथ-साथ मानसिक लाभ भी शामिल हैं। यह आसन स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है, मानसिक शांति प्रदान करता है, और ध्यान की क्षमता को बढ़ाता है। इसे नियमित रूप से प्रैक्टिस करने से आपका शरीर स्थिर और मन शांत रहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *