तीन उच्च स्तरीय जलागारों से पूरे ग्राम को घरेलू नल कनेक्शन की सुविधा
जशपुर, अमृत टुडे। सुदूर वनांचल क्षेत्र गारीघाट पंचायत के राजस्व ग्राम मुण्डाडीह में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन से ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। जिला मुख्यालय जशपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर बसे इस ग्राम में मिशन के तहत तीन उच्च स्तरीय जलागार स्थापित कर 92 घरेलू नल कनेक्शन क्रियाशील किए गए हैं। इसके माध्यम से पूरे गांव को सुरक्षित और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं।

जल जीवन मिशन से पहले ग्रामीण पेयजल के लिए पूरी तरह हैण्डपंपों और कुओं पर निर्भर थे। महिलाओं को सुबह-शाम पानी की लंबी लाइनों में लगना पड़ता था, साथ ही बारिश के दिनों में जल स्रोतों के प्रदूषित होने से डायरिया और पेट संबंधी बीमारियां बढ़ जाती थीं।
अब प्रत्येक घर में नल कनेक्शन से पर्याप्त और स्वच्छ पानी मिलने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी की दिक्कत खत्म हो गई है और बीमारियों में भी कमी आई है। गांव के लोगों ने इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए इसे बड़ी राहत बताया है।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत, मुण्डाडीह में 92 घरेलू नल कनेक्शन क्रियाशील रूप से कार्यरत हैं, जिससे ग्रामवासियों को शुद्ध और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य सभी घरों में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक भवनों में भी कार्यात्मक नल कनेक्शन की स्थापना की जाए, ताकि सभी आवश्यक सेवाएं और सुविधाएं समान रूप से उपलब्ध हो सकें।

जिला मुख्यालय जशपुर से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुदूर वनांचल के गारीघाट पंचायत के राजस्व ग्राम मुण्डाडीह में जल जीवन मिशन के तहत कुल तीन उच्च स्तरीय जलागार स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से ग्रामवासियों को 92 क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के जरिए शुद्ध पेयजल प्राप्त हो रहा है। इस योजना की सफलता के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जल जीवन मिशन योजना के बेहतर क्रियान्वयन की दिशा में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
इससे पूर्व, ग्रामीण जनसंख्या अपनी दैनिक पेयजल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह से हस्तचालित हैंडपंप और कुओं पर निर्भर थी। विशेषकर, महिलाएं सुबह और शाम पानी भरने के लिए लंबी लाइनों में खड़ी हुआ करती थीं। बारिश के मौसम में, जल प्रदूषण के कारण ग्रामीणों को पेट की समस्याओं जैसे कि डायरिया एवं अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता था।

जल जीवन मिशन योजना के सफल कार्यान्वयन के बाद, अब ग्रामीणों को पानी भरने के लिए बार-बार बाहर नहीं जाना पड़ता है, जिससे उनके स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है। सभी ग्रामवासी अब अपने घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल प्राप्त कर रहे हैं, जिससे ग्रामवासियों की खुशियों में वृद्धि हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि वे पहले हैंडपंपों और कुओं के माध्यम से पानी भरने से बहुत परेशान थे, लेकिन अब उस समस्या का समाधान हो गया है और वे सभी इस परिवर्तन को लेकर बहुत खुश हैं। इस योजना के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया है।


