जगदलपुर, 27 नवंबर 2025
अमृत टुडे। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि जब चुनाव आयोग किसी चुनाव की घोषणा करता है, तो यह परंपरा है कि नोटिफिकेशन के बाद सुप्रीम कोर्ट दखल नहीं देता। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, जिसकी स्वतंत्रता संविधान में सुनिश्चित की गई है। पायलट ने कहा कि पार्टी और नेता-कार्यकर्ता जमीन पर संघर्ष जारी रखेंगे और कानूनी विकल्पों पर भी काम चल रहा है। जब तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता, राजनीतिक संघर्ष जारी रहेगा।
सचिन पायलट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए यह स्पष्ट किया कि जब निर्वाचन आयोग किसी चुनाव की घोषणा करता है, तो यह एक स्थापित परंपरा के अनुसार होता है। इस प्रक्रिया के दौरान चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पश्चात, सुप्रीम कोर्ट भी आमतौर पर हस्तक्षेप नहीं करता है। इसका कारण यह है कि निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, जिसे संविधान के सृजन के समय स्वतंत्र प्रावधानों के अनुसार स्थापित किया गया था। संविधान निर्माताओं ने यह अनुमान लगाया था कि निर्वाचन आयोग की भूमिका एक स्वतंत्र प्राधिकरण के रूप में होगी, और यही वजह है कि चुनाव की घोषणा होते ही न्यायालयों का हस्तक्षेप खत्म हो जाता है।
पायलट ने आगे यह बताया कि उनकी पार्टी ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और वे न्यायालयों में भी गए हैं, जिसमें सुप्रीम कोर्ट भी शामिल है, क्योंकि यह एक संवैधानिक संस्था है। हालांकि, पायलट ने यह भी रेखांकित किया कि निर्वाचन आयोग की एक अलग स्वतंत्रता होती है जिसे हर स्तर पर चुनौती नहीं दी जा सकती। इसके बावजूद, उनके पास कानूनी विकल्प खुले हैं और उनकी टीम इस दिशा में पूरी मेहनत कर रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनके प्रयासों का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आता, तब तक उनके राजनीतिक कार्यकर्ता और नेता जमीन पर सक्रिय रहेंगे और संघर्ष जारी रखेंगे। यह तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी पार्टी की स्थिति को मजबूती से आगे बढ़ाया नहीं जाता।




