Bharat Jodo Nyay Yatra Rahul spoke from his heart to Manipur..
इंफाल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर में अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दूसरे दिन की शुरुआत राजधानी इंफाल के सेकमाई इलाके से की। दूसरे दिन यात्रा ईस्ट इंफाल से वेस्ट इंफाल की ओर चली। जहां से शाम तक नागालैंड की राजधानी कोहिमा पहुंच गई। इंफाल में राहुल गांधी के स्वागत में लोग सड़कों पर खड़े नजर आए। जब राहुल गांधी की बस यहां के कई व्यस्त इलाकों से गुजरी, तो ज्यादातर महिलाओं और बच्चों सहित कई लोग यात्रा मार्ग पर इंतजार करते दिखे। लाइन में खड़े उत्साहित लोग राहुल गांधी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। दूसरे दिन राहुल गांधी ने यात्रा के रास्ते में मणिपुर के अलग-अलग तबकों व सिविल सोसाइटी के लोगों से बात की।
राहुल की यात्रा के बारे में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत सुबह साढ़े सात बजे शिविर स्थल पर सेवा दल द्वारा पारंपरिक रूप से किए गए झंडारोहण के साथ हुई। मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष के मेघचंद्र ने ध्वजारोहण किया। मणिपुर में यह यात्रा दो दिन में पांच जिलों से होती हुई 257 किलोमीटर का सफर तय करती हुई कोहिमा पहुंची।
दूसरे विश्व युद्ध से जुड़े स्मारक पर गए राहुल –
वहीं यात्रा के दौरान सोमवार को राहुल गांधी कांगला टोंग्बी स्थित दूसरे विश्व युद्ध से जुड़े एक युद्ध स्मारक पर गए। यह स्मारक 1944 में जापानी सेना और ब्रिटिश सेना के बीच हुए युद्ध से जुड़ा है, जहां जापानी सेना इंफाल पर कब्जा करना चाहती थी, उसे रोकने के लिए स्थानीय लोगों ने अंग्रेजों के साथ मिलकर बहादुरी से लड़ाई की। जिसमें कई लोग शहीद हुए।
मैतई व कुकी समुदाय के लोगों से बात –
वहीं राहुल ने मणिपुर हिंसा में प्रभावित दोनों ही समुदायों में मैतई व कुकी समुदाय के लोगों से बात की, उन्होंने उनसे उनकी पीड़ा, उनकी दिनचर्या, उनकी चुनौतियों के बारे में चर्चा की। इस दौरान राहुल गांधी को तमाम ऐसे लोग भी मिले, जो दूसरे राज्यों से यहां रोजगार की तलाश में आए थे। वहीं रास्ते में राहुल को कई ट्रक ड्राइवर भी मिले, जिनमें अधिकांश लोग यूपी और बिहार से थे। राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना।
स्थानीय कला और संस्कृति की सुंदर झांकी –
अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी जब सेनापति पहुंचे, तो वहां मौजूद आदिवासी समुदाय के लोगों ने उनके सामने न सिर्फ परंपरागत नृत्य किया, भाला फेंक कला का प्रदर्शन किया, बल्कि अपने हस्तशिल्प के खूबसूरत नमूने भी दिखाए। यात्रा के बीच में एक पारंपरिक आयोजन भी किया गया, जिसमें पारंपरिक वेशभूषा में नगा आदिवासी समुदाय के लोगों ने राहुल गांधी का स्वागत किया, इस दौरान उन्होंने स्थानीय कला और संस्कृति की सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की। वहीं रास्ते में कुछ बच्चे और किशोर राहुल गांधी से मिले, जिन्होंने अपने भविष्य की अनिश्चितता को लेकर अपने सरोकार व चिंताएं सामने रखीं। इन बच्चों के हाथों में हाथ से बनाए पोस्टर थे।
मणिपुर से की राहुल ने दिल की बात –
राहुल गांधी ने मणिपुर के सेकमई इलाके में बस से ही लोगों को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने मणिपुर के लोगों के दर्द का जिक्र करते हुए कहा कि जब उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण की योजना बनाई तो उन्हें ख्याल आया कि पूर्व से पश्चिम की ओर होने वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत मणिपुर से किया जाना सबसे महत्वपूर्ण रहेगा। राहुल का कहना था कि उन्होंने यात्रा की शुरुआत के लिए मणिपुर को इसलिए चुना, ताकि पूरे हिंदुस्तान के लोग यह जान सके कि मणिपुर के लोग किस संघर्ष, दर्द व पीड़ा से गुजरे हैं।
मणिपुर के लोगों की भावनाओं का जिक्र –
मणिपुर के लोगों की भावनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैं समझ सकता हूं कि आप लोगों ने किस तरह की त्रासदी झेली है, जहां आपने अपने परिवारजनों, अपनी संपत्ति को खाेया। अपने संबोधन में राहुल ने इस बात का भी जिक्र किया कि वह यात्रा के दौरान मणिपुर के अलग-अलग तबकों के प्रतिनिधियों से लगातार बात कर उनकी समस्याओं और तकलीफों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल ने मणिपुर के लोगों को दिलासा देते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि आप यह समझें कि आज पूरा देश और कांग्रेस पार्टी आप लोगों के साथ खड़ी है। हम मणिपुर में फिर से शांति और भाईचारा कायम करना चाहते हैं।
संसद में उठाएगी मणिपुर का दर्द –
यात्रा के दूसरे दिन कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश व कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार ने मीडिया को संबोधित किया। इस मौके पर कन्हैया ने मणिपुर के माहौल को बेहद खतरनाक करार देते हुए पीएम मोदी व बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उनका कहना था कि इन आठ महीना में पीएम एक बार भी यहां नहीं आए। इसलिए हमने तय किया कि हम इस यात्रा की शुरुआत वहां से करेंगे, जहां की बात भले ही प्रधानमंत्री ना सुन रहे हों, लेकिन वहां की बात कम से कम देश के लोग तो सुनें।
मणिपुर के बहारे केंद्र पर हमला –
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और अमित शाह से कहा कि अभी भी समय है कि वह मणिपुर आएं और यहां के लोगों का की बात सुनें। जबकि रमेश ने कहा कि पीएम न तो मणिपुर के लोगों को वक्त दे रहे हैं, यहां तक की राज्य के मुख्यमंत्री उनसे मिलना चाह रहे हैं, लेकिन वह उन्हें भी समय नहीं दे रहे। कांग्रेस ने कहा है कि 31 जनवरी से शुरू हो रहे आगामी बजट सत्र में पार्टी मणिपुर की समस्या को एक बार फिर से जोर जोर से सदन में उठाएगी। जयराम रमेश का कहना था कि इस यात्रा में मणिपुर आकर यहां के लोगों से जो भी फीडबैक हमें मिला है, उसके आधार पर हम यह मुद्दा संसद के माध्यम से देश के सामने रखेंगे। वहीं कन्हैया का कहना था कि कांग्रेस अपनी इस यात्रा का समापन मुंबई से इसलिए कर रही है, क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन मुंबई में ही हुआ था।