रायपुर, 22 फरवरी 2024 | राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बतौर कल 23 फरवरी को एक वर्ष पूर्ण हो रहा है। यह छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य की बात है कि यहां उच्च संवैधानिक पद पर साहित्यकार और संवेदनशील व्यक्ति राज्यपाल के रूप में आसीन हैं। राजभवन के दरवाजे सभी के लिए खुले रहते हैं। हर तबके, वर्ग और समाज के लोग राज्यपाल से भेंट करने आते हैं और संतुष्ट होकर जाते हैं। राज्यपाल को छत्तीसगढ़ के लोग अत्यंत सरल ,सहज लगते हैं और वे सभी से आत्मीयता के साथ मिलते हैं।
हरिचंदन ने राज्यपाल एवं कुलाधिपति का पद संभालने के बाद कुलाधिपति के रूप में सबसे पहले राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक ली और उनके विश्वविद्यालयों की गतिविधियों एवं समस्याओं की जानकारी लेकर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उनका कहना हैं कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थी जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है और इसका प्रभाव उसके भविष्य पर भी पड़ता है। इसलिए सभी विश्वविद्यालयों को समय पर दीक्षांत समारोह सम्पन्न करना चाहिए। उनके इस निर्देश के बाद राज्य के 11 शासकीय और निजीे विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह आयोजित हुए और लगभग 4 लाख विद्यार्थियों को विभिन्न उपाधियां एवं पदक प्रदान किये गये। कुलाधिपति के रूप में वे विद्यार्थियों को राष्ट्र की सेवा करने एवं गरीब, शोषित व वंचित वर्ग के लिए कार्य करने हेतु प्रेरित करते हैं। उनका मानना है कि सर्वाधिक युवाओें की आबादी वाले इस देश के युवाओं को सकारात्मक दिशा में ले जाना आवश्यक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस दौरान छत्तीसगढ़ आगमन हुआ था। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभवन के आतिथ्य को अत्यंत सराहा ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पहल पर देश में विकसित भारत /2047 अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान से युवाओं को जोड़ने के लिए राज्यपाल के निर्देशन में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों की कार्यशाला राजभवन में आयोजित की गई। राज्यपाल का मानना है कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए युवाओं के नवीन विचारों को राष्ट्र निर्माण में शामिल करना होगा। युवा शक्ति का उपयोग करके हम भारत को एक विकसित और सशक्त भारत के रूप में आगे बढ़ा सकते हैं।