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नए कानून की जागरूकता के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन…..

ByPreeti Joshi

Jun 28, 2024 ##Chhattisgarh, ##NEWS, ##छत्तीसगढ़, #amrittoday, #amrittoday.in छत्तीसगढ़ न्यूज, #BIG NEWSMID, #Breaking, #Breaking news, #cg news, #chhattisgarh breaking news, #chhattisgarh hindi news, #chhattisgarh latest hindi news, #chhattisgarh latest news, #Chhattisgarh news, #chhattisgarh news in hindi, #chhattisgarh news live today, #chhattisgarh news today, #chhattisgarhi news, #DAY NEWS, #Exclusive, #Hindi News, #HINDI NEWSनए कानून, #HINDICHHATTISGARH, #KA SILSILATODAY'S, #latest news, #NEWSCHHATTISGARH, #NEWSHINDI, #NEWSINDIA, #NEWSKHABRON, #NEWSTODAY'S, #Today breaking news, #today news, #TODAY'S LATEST, #UPDATE, #अभी-अभी, #अमृत टुडे, #असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट प्रोसेक्शन, #आज की ताजा खबर, #इंडिया न्यूज़, #ई-एफआईआर, #एएसपी दौलतराम पोर्ते, #एडीएम निधि साहू, #ऑफिसर शुभम तोमर, #खबरछत्तीसगढ़, #छत्तीसगढ़ न्यूज़, #न्यूजछत्तीसगढ़, #प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी, #प्रो. हिना इलियास, #प्रोफेसर अभिनव के. शुक्ला, #भारतीय न्याय संहिता, #माॅब-लिंचिंग, #रायपुर जिला एवं सत्र न्यायालय, #लेटेस्ट न्यूजछत्तीसगढ़ न्यूज, #हिंदीछत्तीसगढ़
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1 जुलाई से लागू होगी नई भारतीय न्याय संहिता

अब देश के किसी कोेने से भी करा सकेंगे ई-एफआईआर

माॅब-लिंचिंग के लिए धारा 103 (2) के तहत दर्ज होगा अपराध

जब्ती प्रकरणों में अब वीडियोग्राफी की होगी अनिवार्यता

रायपुर , 28 जून 2024

अमृत टुडे। देश में 1 जुलाई से हो रहे नए आपराधिक कानून के संबंध में रायपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में नए कानून की जागरूकता के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में वक्ता के तौर पर शामिल रायपुर हिदायतुल्ला नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अभिनव के. शुक्ला और प्रो. हिना इलियास व गृह विभाग से असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट प्रोसेक्शन ऑफिसर शुभम तोमर ने नए कानून के तहत सजा प्रावधानों व डिजिटल साक्ष्यों की मान्यता व साक्ष्य संबंधी प्रस्तुतिकरण की प्रक्रिया के सरलीकरण के दिशा में किए गए प्रबंधों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी, एडीएम निधि साहू, एएसपी दौलतराम पोर्ते समेत पुलिस अधिकारी व अधिवक्तागण उपस्थित थे।

नए अपराधिक कानून के संशोधन पर प्रोफेसर अभिनव शुक्ला ने बताया कि नई भारतीय न्याय संहिता 2023 में व्यापक बदलाव किए गए है। कुछ अपराध ऐसे थे, जो किसी भी अपराध की धाराओं में नहीं आते थे, वे छूट जाते थे। उसके लिए धारा लाई गई है। जीरो एफआईआर की व्यवस्था के साथ अब ई-एफआईआर की व्यवस्था लागू की जाएगी।

कोई भी व्यक्ति अपने संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करा सकता है, लेकिन इसके लिए ई-एफआईआर रजिस्टर्ड करने के तीन दिनों के भीतर संबंधित थाने में पहुंचकर वेरिफाई कराना आवश्यक होगा। तभी ई-एफआईआर मान्य होगा। अगर तीन दिन के भीतर संबंधित थाने में प्रार्थी नहीं पहुंचेगा तो वह ई-एफआईआर मान्य नहीं होगी। असल में यह व्यवस्था नागरिकों के लिए इसलिए शुरू की जा रही है, ताकि समय पर अपनी शिकायत थाने में दर्ज करा सके। महिलाओं और बच्चों के लिए भी नई संहिता में चैप्टर जोड़ा गया है।

आईपीसी की धाराएं अलग-अलग थी, उसे संगठित किया गया है। माॅब-लिंचिंग अब तक अपराध की श्रेणी में नहीं आता था, ऐसे में इसके लिए भी नई धारा जोड़ी गई है। धारा 103 (2) के तहत अपराध दर्ज किया जाएगा। साथ ही इसमें सजा का भी प्रावधान किया गया है। महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराध में भी संशोधन किया गया है। पहले अलग-अलग उम्र के बच्चों द्वारा अपराध किए जाने पर धारा जोड़ी जाती थी, लेकिन अब उम्र तय कर दी गई है। 18 वर्ष या उससे कम उम्र ही माना जाएगा। साथ ही कार्यशाला में वक्ताओं ने यह भी बताया कि जब्ती के प्रकरणों में विवेचकों को वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से कराना होगा।

सोर्स – कंचन यादव

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