रायपुर, 17 अक्टूबर 2024
अमृत टुडे / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बसना विकासखंड के गढ़फुलझर में बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज द्वारा आयोजित बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज वार्षिक स्नेह सम्मेलन व बंधु मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री साय रामचंडी मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। साथ में छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल, ओ.पी. चौधरी, सांसद रूपकुमारी चौधरी, बसना विधायक सम्पत अग्रवाल, महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, सरायपाली विधायक चातुरी नंद मौजूद थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कोलता समाज द्वारा आयोजित गरिमामय कार्यक्रम मे शामिल होना सौभाग्य की बात है। सौभाग्य है कि आप सबका दर्शन लाभ लेने आए है। उन्होंने कोलता समाज को रामचंडी दिवस और शरद पूर्णिमा की बधाई दी। कोलता समाज द्वारा मुख्यमंत्री का हुलहुली बजाकर स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह समाज बड़ा शिक्षित, समृद्ध है। यह समाज भारतीय समाज, संस्कृति एवं परंपरा को लेकर चलने वाला समाज है, जो दूसरे समाज को प्रेरणा देने वाला समाज है, कृषक समाज है। उन्होंने कहा कि ओडिशा की संस्कृति प्राचीन संस्कृति है और छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से इस राज्य से जुड़ा है। दोनों प्रदेश के लोगों का रोटी-बेटी का संबंध है। दोनों के अचार-विचार मिलते हैं।
साय ने कहा कि मोदी की गारंटी के अनुरूप हम काम कर रहे है। तेंदूपत्ता संग्रहण के माध्यम से 13 लाख परिवारों को लाभ पहुंचाया जा रहा है, जिससे आदिवासी और वनवासी समुदायों की आजीविका को बढ़ावा मिल रहा है। रामलला दर्शन योजना से लाखों श्रद्धालुओं को धार्मिक यात्रा और दर्शन की सुविधा दी जा रही है, जिससे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिल रहा है। उन्होंने युवाओं से नशा के खिलाफ जागरूक होने की अपील की, जिससे समाज स्वस्थ और प्रगतिशील बन सके। उन्होंने सभी को शासकीय योजना का लाभ लेने आह्वान भी किया और कहा कि समाज के सभी वर्ग सामने आएं।
मुख्यमंत्री साय ने गढ़फुलझर मे सर्व समाज मंगल भवन के लिए 50 लाख रूपये की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रामचंडी गढ़ फुलझर क्षेत्र को पर्यटन के रूप मे विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उड़ीसा और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली सड़क को बेहतर और उन्नत बनाया जाएगा, जिससे परिवहन और संपर्क में सुधार होगा, और दोनों राज्यों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे।