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पर्यटन को मिली नई उड़ान, टूरिज्म कॉन्क्लेव में मिले 3000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर पर्यटन क्षेत्र में काम कर रही है राज्य सरकार
विरासतों को सहेजकर बढ़ायेंगे विंध्याचल का वैभव
पर्यटन, संस्कृति, विरासत और ऊर्जा क्षेत्र का समन्वित विकास है हमारा लक्ष्य
पर्यटन के क्षेत्र में 12 करोड़ का निवेश करने वाली चार कम्पनियों को वितरित किये लेटर ऑफ अलॉटमेंट
पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा बुकिंग पोर्टल की आईआरसीटीसी पोर्टल पर हुई लांचिंग
होम-स्टे ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल किया लाँच
मण्डला, डिण्डोरी, सिंगरौली, सीधी और सिवनी में कला और शिल्प केन्द्रों के निर्माण और रीवा के वेंकट भवन के संरक्षण कार्य के लिए हुआ एमओयू
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा में किया दो दिवसीय रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का शुभारंभ

भोपाल, अमृत टुडे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रीवा रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में पर्यटन क्षेत्र के लिए एक नई सुबह का आगाज़ हुआ है। आज पर्यटन श्रेत्र में प्रमुख निवेशकों ने रीवा और शहडोल संभाग में 3 हजार करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताकर इन क्षेत्रों में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया है। यह ऐतिहासिक पल दोनों संभागों के लिए आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए द्वार खोलेगा। कॉन्क्लेव में निवेशकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार को रीवा में दो दिवसीय रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव के शुभारंभ कार्यक्रम में पर्यटन क्षेत्र के निवेशकों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन कर इस दो दिवसीय रीजनल कान्क्लेव का विधिवत शुभारंभ किया। यह कान्क्लेव 27 जुलाई को भी जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि विकास के मायने तभी हैं, जब हम अपनी जड़ों से, अपनी संस्कृति और अपनी विरासतों से भी आत्मीयता से जुड़े रहें। हम विरासत से विकास की ओर मिशन मोड में आगे बढ़ रहे हैं। विंध्य क्षेत्र हमेशा से ही मध्यप्रदेश का गौरव रहा है। इस क्षेत्र के विकास में अब कोई भी बाधा नहीं रही। हम यहां की हेरिटेज साइट्स को समुचित तरीके से सहेजकर पूरे विंध्याचल को उसका पुरा वैभव लौटायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपनी मीठी बोली, कला, संस्कृति, खान-पान में अपनत्व समेटे और सघन वनों की हरियाली से आच्छादित इस हरित क्षेत्र में आइडियल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की पूरी संभावना है। हमारी सरकार पर्यटन सेक्टर को भी इंडस्ट्रियल सेक्टर की सारी सुविधाएं दे रही है। हमारी इन्वेस्टर फ्रेंडली पर्यटन नीति का भरपूर लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 100 करोड़ रुपए लागत का कोई टूरिस्ट होटल, मोटल या रिसार्ट खोलने पर 30 करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी। हेल्थ टूरिज्म के लिए 100 करोड़ रुपए लागत का कोई वेलनेस सेंटर खोलने पर 40 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी देगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई निवेशक रोजगार आधारित उद्योग लगाते हैं तो हमारी सरकार उस उद्योग से रोजगार पा रहे पुरूष श्रमिक को 5 हजार रुपए और महिला श्रमिक को 6 हजार रुपए दस साल तक प्रदान करेगी। उद्योग स्थापना में सरकार निवेशकों को सभी जरूरी मदद मुहैया करायेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विंध्य क्षेत्र प्रदेश की संस्कृति को वैचारिक और आध्यात्मिक रूप से भी पोषित करता है। रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन यह संकेत है कि हम इस क्षेत्र को पर्यटन के क्षेत्र में आगे लाने के लिए कोई कसर नहीं रखेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीवा और संपूर्ण विंध्यांचल न केवल प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध है, बल्कि यह कई अनोखे प्राकृतिक चमत्कारों से भी धनी क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि रीवा हवाई अड्डे की स्थापना के बाद अब यह क्षेत्र देश के अन्य हिस्सों से जुड़ गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार विंध्य क्षेत्र के बहुआयामी विकास के लिए प्रयासरत है। समृद्ध प्राचीन विरासतों से भरपूर इस क्षेत्र की सभी संभावनाओं की पहचान कर पर्यटन विकास को और गति दी जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि इस क्षेत्र में जीवंत जंगल हैं। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य इसे सुंदरतम बनाता है। वसुधैव कुटुंबकम के तहत हम सबको जोड़ना चाहते हैं। इस क्षेत्र के विकास का कारवां अब निर्बाध गति से प्रवाहमान है। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ यहां हेल्थ टूरिज्म की भी व्यापक संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा‍कि विंध्य क्षेत्र में पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने के लिए हम निजी निवेशकों के साथ मिलकर नई संभावनाओं पर काम करना चाहते हैं। उन्होंने निवेशकों से आव्हान किया कि वे मध्यप्रदेश की धरा पर विशेषकर विंध्य अंचल में निवेश के लिए खुले दिल से आगे आएं, सरकार निवेशकों को हर जरूरी सुविधा और सहयोग उपलब्ध कराऐगी।

पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश पर्यटन में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को “मैन ऑफ आइडिया” और विचारों को जमीन पर उतारने की दृढ़ इच्छाशक्ति वाला बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की समृद्ध पुरातात्विक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक, वन्यजीव और धार्मिक विविधता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2024 में 13.41 करोड़ से अधिक पर्यटक मध्य प्रदेश आए। नई पर्यटन नीति के तहत NOCs को 30 से घटाकर 10 किया गया है और सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। नई फिल्म पर्यटन नीति के तहत फिल्मों को ₹2 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है, जिससे मध्यप्रदेश “मोस्ट फिल्म फ्रेंडली अवार्ड” प्राप्त कर चुका है। उन्होंने सभी को मध्य प्रदेश आने का आमंत्र ण भी दिया।

प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक जड़ें गहरी हैं। प्रदेश की पारंपरिक कलाओं को टूरिस्ट पूरे विश्व से देखने आते हैं। अगर आप यहां निवेश करते हैं, हमारे पास सबसे बेहतर पॉलिसी है। पर्यटन नीति और फिल्म नीति की विशेषताएं बताते हुए प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने कहा कि हम निवेशकों को अच्छा इंसेंटिव दे रहे हैं। हम निवेशकों के लिए रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत करते हैं। सभी आए और मध्यप्रदेश में निवेश करे। यह निवेश रीवा और शहडोल संभाग की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार निवेशकों को हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी, जिससे इन परियोजनाओं को सफलतापूर्वक साकार किया जा सके। इस महत्वपूर्ण पहल से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और हजारों लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे यह क्षेत्र पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा।

मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट (MPTM) का आयोजन किया जाना है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों जैसे होटल मालिकों, रिसॉर्ट मालिकों, परिवहन ऑपरेटरों, ट्रैवल/टूर ऑपरेटरों को अपने पर्यटन उत्पादों के प्रचार-प्रसार और व्यावसायिक चर्चा हेतु एक मंच प्रदान करना है । इस मंच पर मध्य प्रदेश, पर्यटन के विभिन्न स्रोत बाजारों से खरीदारों को आमंत्रित करेगा, जिससे प्रदेश में निवेश करने वाले हितधारकों के साथ मिलकर व्यवसाय वृद्धि के अवसर सृजित होंगे। इससे रोजगार के अवसर, अधोसंरचना में विकास, ग्रामीण जनसमुदाय की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा पर्यटकों को नए गंतव्यों में भ्रमण व नए अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

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