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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा…..

ByPreeti Joshi

Aug 23, 2025 ##Chhattisgarh, ##NEWS, ##छत्तीसगढ़, #amrittoday, #amrittoday.in छत्तीसगढ़ न्यूज, #BIG NEWSMID, #Breaking, #Breaking news, #cg news, #chhattisgarh breaking news, #chhattisgarh hindi news, #chhattisgarh latest news, #Chhattisgarh news, #chhattisgarh news in hindi, #chhattisgarh news live today, #chhattisgarh news today, #chhattisgarhi news, #DAY NEWS, #Exclusive, #Hindi News, #HINDICHHATTISGARH, #KA SILSILATODAY'S, #latest news, #NEWSCHHATTISGARH, #NEWSHINDI, #NEWSINDIA, #NEWSKHABRON, #NEWSTODAY'S, #NRHM, #Today breaking news, #today news, #TODAY'S LATEST, #UPDATE, #अभी-अभी, #अमृत टुडे, #आज की ताजा खबर, #इंडिया न्यूज़, #उपस्वास्थ्य केंद्रों, #कर्मचारियों, #खबरछत्तीसगढ़, #गंभीर स्थिति, #छत्तीसगढ़ न्यूज़, #छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी, #नेशनल रुरल हेल्थ मिशन, #न्यूजछत्तीसगढ़, #लेटेस्ट न्यूजछत्तीसगढ़ न्यूज, #संचार प्रमुख, #सुशील आनंद शुक्ला, #स्वास्थ्य विभाग, #स्वास्थ्य व्यवस्था, #हिंदीछत्तीसगढ़, #हड़ताल
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रायपुर, अमृत टुडे। राज्य का स्वास्थ्य विभाग वर्तमान में अत्यंत गंभीर स्थिति में कार्य कर रहा है, जो पूरी तरह से भगवान के भरोसे पर निर्भर प्रतीत हो रहा है। हाल ही में, सोलह हजार से अधिक NRHM (नेशनल रुरल हेल्थ मिशन) कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। यह स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि उपस्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को केवल टाइल्स की रोशनी में डिलीवरी कराई जा रही है, जो एक अत्यंत चिंताजनक विषय है।

इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री के पास अपने विभागों की समस्याओं का समाधान करने का इतना समय नहीं है कि वे इस गंभीर संकट का सामना कर सकें। वर्तमान में मुख्यमंत्री विदेश यात्रा पर हैं, जिससे छत्तीसगढ़ में लगभग अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसी परिस्थितियों में, आवश्यक है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द इस मुद्दे की गंभीरता को समझे और स्वास्थ्य सेवा के स्थायित्व को सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।

यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं चिंताजनक है कि वर्तमान समय में प्रदेश में नकली दवाइयां लगभग सभी सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा कॉलेजों में उपलब्ध हैं। सीजिएम एस सी द्वारा जो दवाइयां सप्लाई की गई हैं, वे गुणवत्ता की दृष्टि से पात्रता के मानदंडों पर खरी नहीं उतरतीं। प्रदेश के अनेक स्थलों पर, विभिन्न स्थानों पर, इस तथ्य की प्रमाणिकता पहले ही सिद्ध हो चुकी है कि ये दवाइयां वास्तव में गुणवता विहीन हैं।

इसके बावजूद, सरकार की ओर से इस गंभीर मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। परिणामस्वरूप, इन नकली दवाओं के कारण महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होने के बजाय, वे और अधिक बिगड़ती जा रही हैं, जिससे उनका जीवन और भी कठिन होता जा रहा है।

अद्वितीय रूप से, स्वास्थ्य मंत्री की प्राथमिकता इस महत्वपूर्ण संकट की ओर नहीं है। बजाय इसके, उन्होंने नकली दवाओं की गुणवत्ता को सुधारने या इन दवाओं के सप्लायरों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय, शराब की दुकानों पर जाकर शराब की गुणवत्ता की जांच करने में समय बिता रहे हैं। यह स्थिति स्पष्ट रूप से छत्तीसगढ़ सरकार की वास्तविकता को उजागर करती है, जो न केवल आम जनता के स्वास्थ्य के प्रति एक गंभीर लापरवाही दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि सरकार का ध्यान प्राथमिक मुद्दों से भटक रहा है।

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