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आयुष विभाग का विशेष स्वर्ण प्राशन संस्कार — महापौर ने किया शुभारंभ, बच्चों में स्वास्थ्य जागरूकता पर फोकस

धमतरी, 14 नवम्बर 2025

अमृत टुडे। बाल दिवस के अवसर पर धमतरी में आयुष विभाग ने बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य के बेहतर निर्माण के लिए खास पहल की। शहर के सरस्वती शिशु मंदिर में “बच्चों के उज्जवल भविष्य निर्माण में आयुर्वेद का वरदान” थीम पर स्वर्ण प्राशन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 1000 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया।

मुख्य अतिथि महापौर रामू रोहरा ने एक बालिका को स्वर्ण प्राशन पिलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएँ दीं।

उन्होंने स्वर्ण प्राशन को आयुर्वेद की प्राचीन विधि बताते हुए कहा कि यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक माना जाता है।

कार्यक्रम की सफलता पर महापौर ने आयुष विभाग को बधाई देते हुए जिले में ऐसे शिविर आगे भी जारी रखने हेतु 1 लाख रुपये देने की घोषणा की।

इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधि, शिक्षक और बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे मौजूद रहे। कार्यक्रम ने बाल दिवस को स्वास्थ्य जागरूकता के नए स्वरूप में मनाते हुए “स्वस्थ बचपन—उज्जवल भविष्य” का संदेश दिया।

बाल दिवस के अवसर पर धमतरी जिले में बच्चों के स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए आयुष विभाग द्वारा विशेष स्वर्ण प्राशन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम शहर के सरस्वती शिशु मंदिर में “बच्चों के उज्जवल भविष्य निर्माण में आयुर्वेद का वरदान” थीम के तहत उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महापौर रामू रोहरा ने एक बालिका को स्वर्ण प्राशन पिलाकर किया। इस अवसर पर जन्म से लेकर 16 वर्ष तक लगभग 1000 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। महापौर ने बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि स्वर्ण प्राशन एक प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति है, जो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, बुद्धि और स्मरण शक्ति सुधारने, पाचन शक्ति संतुलित करने और मानसिक व शारीरिक विकास में अत्यंत सहायक है।

महापौर ने यह भी कहा कि आयुर्वेद के लाभों का एहसास बच्चे बड़े होने पर और अधिक गहराई से करेंगे और यह समझ पाएंगे कि आयुर्वेद कितनी प्रभावशाली चिकित्सा पद्धति है। उन्होंने आयुष विभाग को बधाई देते हुए जिले में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने के लिए 1 लाख रुपये देने की घोषणा की, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक आयुर्वेदिक सेवाओं का लाभ मिल सके।

कार्यक्रम में डॉ. पचौरी ने विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि स्वर्ण प्राशन में शुद्ध स्वर्ण के साथ गोघृत, शहद, अश्वगंधा, ब्राह्मी, वचा, गिलोय और शंखपुष्पी जैसी आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित है और बच्चों को सर्दी, जुकाम और मौसमी बीमारियों से बचाने में कारगर साबित होती है।

इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य साहू ने स्कूल की गतिविधियों और सहयोग की जानकारी दी। कार्यक्रम में नगर निगम की सभापतिसाहब कौशिल्या देवांगन, डिप्टी कलेक्टर कल्पना ध्रुव, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जगरानी एक्का, बीईओ एलडी चौधरी, सरस्वती शिशु मंदिर के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप शर्मा, डॉ. चंद्राकर, प्राचार्य खेमिन साहू समेत कई अधिकारी, शिक्षक-शिक्षिकाएँ, पार्षदगण और स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम ने न केवल बाल दिवस को विशेष बनाया, बल्कि जिले में स्वस्थ बचपन और उज्जवल भविष्य का संदेश देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बच्चों में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपचार और जीवनशैली के महत्व को भी उजागर किया गया।

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