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पुरे विश्व को 2030 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य

सूरजपुर/28 फरवरी 2024 | भारत को टीबी मुक्त देश बनाने के लिए समय सीमा का निर्धारण 2025 किया गया है और पुरे विश्व को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य 2030 है। जिसका प्रमुख स्लोगन ’टीबी हारेगा-देश जितेगा’ है। टीबी की बिमारी हवा के माध्यम से फैलने वाली बीमारी है। जिसके लिए केन्द्र सरकार ने टीबी मुक्त पंचायत के लिए कार्ययोजना बनाया है। इसी सपना को साकार करने के लिए कलेक्टर रोहित व्यास के दिशा-निर्देशन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. एस. सिंह जिला कार्यक्रम प्रबंधक गणपत नायक तथा जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. जे.एस.सरूता के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग एवं पिरामल स्वास्थ्य के द्वारा विविध गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार को आदर्श एकलव्य विद्यालय प्रतापपुर में डॉ. विजय सिंह बीएमओ एवं सतीश श्रीवास्तव बीपीएम के निर्देशन में पिरामल फाऊंडेशन छत्तीसगढ़ के द्वारा कार्यशाला का आयोजन कर छात्र छात्राओं तथा शिक्षकवृंदों को टीबी मुक्त भारत की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पिरामल स्वास्थ्य सूरजपूर के जिला कार्यक्रम समन्वयक राज नारायण द्विवेदी ने कहा की टीबी हारेगा देश जितेगा। टीबी मुक्त समाज के लिए सबका सहयोग आवश्यक है। विद्यार्थी जीवन का अपना अलग महत्व होता है। किसी विषय वस्तु को विद्यार्थी बड़े गम्भीरता से लेते हैं। इस विद्यालय में सैकड़ों विद्यार्थी है। इस विद्यालय में कार्यशाला का आयोजन करने का उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी तो स्वयं लाभान्वित होंगे ही साथ ही साथ अपने परिवार और इष्ट-मित्रों को भी बतायेगें। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत के लिए सभी लोग हाथ बंटायें। जिसे भी दो हफ्ते से ज्यादा दिन का खांसी हो तो बलगम का जांच करवाये। इस बिमारी से बचाने के लिए एक ही उपाय है की हमारे पास-पड़ोस में टीबी के एक भी रोगी न हो या है भी तो उपचार ले रहा हो। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत में छात्र-छात्राओं की भूमिका यह है कि एक तो टीबी की जानकारी लेकर स्वयं को बचाना और जैसे ही कोई टीबी के सम्भावित केश दिखें तो उसका बलगम जांच हेतु सुझाव देना। यह यह भी बताना की इसका सम्पूर्ण इलाज जांच निःशुल्क है। टीबी के लक्षण उपचार, डॉट्स पद्धति, बलगम जांच के लिए उपलब्ध सेवाओं की जानकारी दी गई।  कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कार्यक्रम का मूल्यांकन किया गया।

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