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उल्लास मोबाइल एप : शिक्षण केंद्रों की निगरानी करने में सक्षम

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 कोरिया, 6 मार्च 2024 | जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा जिला पंचायत, बैकुंठपुर के मंथन कक्ष में उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत संकुल शैक्षिक समन्वयको को ‘उल्लास एप’ का प्रशिक्षण दिया गया।

15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के असाक्षरों के लिए उपयोगी
बता दें उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्रत्येक स्तर पर 5 से 10 असाक्षर एवं असाक्षरों को पढ़ाने वाले स्वयंसेवी शिक्षक का चिन्हांकन ग्राम प्रभारियों के द्वारा उल्लास मोबाइल एप के माध्यम से सर्वे किया जाएगा। सर्वे कार्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सहायक, शिक्षक, पूर्व नियोजित प्रेरक एवं पढ़ना, लिखना अभियान के स्वयंसेवी शिक्षकों द्वारा 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के असाक्षरों के लिए इसका उपयोग किया जाएगा।
समाज में सभी के लिए आजीवन सीखने की समझ विकसित करना
बता दें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुसार, भारत सरकार ने 2022 से पांच साल की अवधि के लिए न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम नामक एक केंद्र प्रायोजित योजना शुरू की, जिसे उल्लास (अंडरस्टैंडिंग ऑफ लाइफलाइन लर्निंग फॉर ऑल इन सोसायटी) यानी समाज में सभी के लिए आजीवन सीखने की समझ के नाम से जाना जाता है।
देश के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाना
योजना का प्राथमिक उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वयस्कों को सशक्त बनाना है, जिन्हें खुद को शिक्षित करने का अवसर नहीं मिला है और उन्हें देश के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाना है। यह न केवल शिक्षार्थियों को पढ़ने, लिखने और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करने की अनुमति देता है, बल्कि आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जीवन कौशल की समझ के साथ समृद्ध भी करता है। यह योजना स्वयंसेवी, सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्य की भावना या कर्तव्यबोध को बढ़ावा देने के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है।
एप शिक्षण केंद्रों की निगरानी करने में सक्षम
उल्लास मोबाइल ऐप के माध्यम से पाठ्यक्रम को शिक्षार्थियों के सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है, जो उनके बीच अधिक आत्मीयता प्रदान करेगी। यह एक जनभागीदारी आंदोलन है, उज्ज्वल भविष्य और सशक्त नागरिकों की दिशा में एक अभियान भी है। एप शिक्षण केंद्रों की निगरानी करने में सक्षम बनाता है जो किसी भी अधिकृत उपयोगकर्ता द्वारा किया जा सकता है।
आत्मिक सन्तोष का कार्य
कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने सभी प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि इस उल्लास मोबाइल एप के माध्यम से आप अपने आसपास के असाक्षरों का सर्वे करेंगे साथ ही उन्हें पढ़ना लिखना जब सिखाएंगे तो निश्चय ही एक आत्मिक सन्तोष भी मिलेगा। इस मोबाइल एप प्रशिक्षण में बहुत ही बारीकी से जानकारी दी गई। इसलिए आप सब इस प्रशिक्षण को बहुत ही गम्भीरता से सीखे और समझें।
इस अवसर पर जिला पंचायत के सीईओ डॉ आशुतोष चतुर्वेदी सहित जिला व विकासखण्ड साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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