रायपुर, 15 मई 2024 | छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग के पीठासीन सदस्य सोनल कुमार गुप्ता के खंडपीठ के निर्देश पर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) नई दिल्ली .ने बीमा धारक के विधिक वारिसानो को भुगतान की बीमा की राशि ₹200000. आयोग में यह अपने तरह का पहला और अनूठा उदाहरण है प्रकरण का विस्तृत विवरण इस प्रकार है कि आरंग निवासी स्व. विद्या ध्रुव की मृत्यु 19 दिसंबर 2020 को खाना बनाते समय आग लगने के कारण जलकर हुई थी. कार्यालय कलेक्टर रायपुर के आदेश दिनांक 21/ 12/ 2021 के अनुसार तहसीलदार आरंग के राजस्व प्रकरण क्रमांक202108112500002/B/121/ वर्ष 2020-21 के प्रतिवेदन अनुसार विद्या ध्रुव 36 वर्ष की मृत्यु जलने के कारण हुई थी एवं अनविभागीय अधिकारी राजस्व आरंग द्वारा उक्त मृत्यु पर राजस्व पुस्तक परिपत्र क्रमांक 6-4 के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु अनुशंसा की गई ,
जिसके तहत कार्यालय कलेक्टर रायपुर के आदेश पर आपदा प्रबंधन से मृतक के वारिसानों को चार लाख रुपए की सहायता प्रदान की गई. मृतक विद्या ध्रुव का पंजाब नेशनल बैंक आरंग में एक खाता था जिसमें जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत ₹2 की राशि खाते से काटी गई थी. इसके नियमों के तहत आकस्मिक मृत्यु में ₹200000 की राशि खाताधारक के विधिक उत्तराधिकारी को देनी थी |
जब मृतक के नाबालिक बच्चों ने बैंक में संपर्क किया जिनका नाम रितेश ध्रुव ,कुलदीप ध्रुव है तो बैंक प्रबंधन ने यह कर कहते हुए बैरन लौटा दिया कि आप ‘सक्सेशन सर्टिफिकेट ‘ लेकर आओ तब किसी जानकार की सलाह में यह प्रकरण छत्तीसगढ़ राज्य बाल आयोग के समक्ष याचिका प्रस्तुत हुई. क्योंकि विषय नाबालिक बच्चों से जुड़ा था और उनकी आर्थिक हालात माली थी माता-पिता दोनों का निधन हो चुका था प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए खंडपीठ के सदस्य सोनल कुमार गुप्ता ने पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक और क्षेत्रीय महाप्रबंधक भारतीय जीवन बीमा निगम को उपस्थित बाबत नोटिस जारी किया | जिसमें दोनों पक्षों की ओर से विद्वान अधिवक्ता गण आयोग के समक्ष पैरवी हेतु उपस्थित हुए. दोनों पक्षों ने नोटिस के Reply में जवाब दावा में बीमा योजना के लाभ के लिए सक्सेशन सर्टिफिकेट की अनिवार्यता बताइ |
पर आयोग के सदस्य सोनल कुमार गुप्ता ने यह स्पष्ट किया की यह विषय नाबालिक बच्चों के हितों से जुड़ा है इसलिए भारतीय जीवन बीमा निगम और पंजाब नेशनल बैंक को इस प्रकरण में सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए और इस बात का आधार माना कि कलेक्टर रायपुर के न्यायालय ने जब आपदा प्रबंधन की राशि देने में उनको विधिक उत्तराधिकारी मानना स्वीकार किया है तो उनके ही दस्तावेजों के आधार पर आपके द्वारा भी इस बीमा राशि के दावा का निराकरण करना न्याय उचित होगा. इस संबंध में बाल आयोग ने अपने निर्देश क्रमांक 1238 दिनांक 18 मार्च 2024 को पक्षकारों को जारी किया. जिसके परिपालन में प्रादेशिक कार्यालय भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा |
2 अप्रैल 2024 को अपने नई दिल्ली के प्रधान कार्यालय को खाता क्रमांक 7387 001700028603 के संबंध में राज्य बाल संरक्षण आयोग के निर्देश /आदेश का उल्लेख करते हुए न्यायालय रायपुर कलेक्टर के दस्तावेजों सहित अपनी अनुशंसा के सहित उचित निराकरण हेतु प्रेषित किया | जिस पर छत्तीसगढ़ बाल आयोग के निर्देश पर उचित लेते निर्णय लेते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम नई दिल्ली ने दिनांक 2 मई 2024 को मृतक खाता धारक के विधिक वारिसान बच्चों के जॉइंट अकाउंट में नेफ्ट ऑनलाइन के जरिए ₹200000 भुगतान किया |
सदस्य राज्य बाल संरक्षण आयोग सोनल कुमार गुप्ता ने कहा आज तक जितने भी प्रकरणों का निराकरण किया है उसमें यह अपनी तरह का पहला और अनूठा उदाहरण है जिसका निराकरण बालहित में इतना शानदार हुआ जो आम जनमानस के लिए नजीर है |