रायपुर, 30 जून 2024
अमृत टुडे | आईजीकेवी रायपुर में आईसीएआर और धानुका एग्री टेक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ऐतिहासिक कवि के कवि के कार्यशाला ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और अटारी छत्तीसगढ़ एमपी क्षेत्र IX के माध्यम से पूरे देश में किसानों की आय बढ़ाने की नीव रखी इस आयोजन में कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी की ताकत और क्षमता का उदाहरण दिया और देश के सुदूर गांव में उन्नत प्रौद्योगिकियों का प्रसार और तैनाती पर जोर दिया
मुख्य प्रतिभागी
कार्यशाला में कृषि क्षेत्र के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित थे आईजीकेवी के कुलपति डॉक्टर गिरीश चंदेल ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यशाला की शोभा बढ़ाई एन आई बी एस एम के निदेशक डॉ पीके घोष को सम्मानित अतिथि के रूप में प्रकार हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं विशेष अतिथियों में आई आई एसआर के निदेशक डॉक्टर J.H. सिंह ,D W R के निदेशक डॉक्टर J .S. मिश्रा अटारी जोन IX केनिदेशक डॉक्टर एसआरके सिंह संयुक्त निदेशक अनुसंधान आईसीएआर NIBSMडॉक्टर कल्याण के मंडल संयुक्त निदेशक डॉक्टर ए के दीक्षित और डॉक्टर पी पी के चक्रवर्ती पूर्व सदस्य A S R B ,ICAR, ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सभी 81 KVK वैज्ञानिक भी कार्यक्रम में शामिल रहे
उद्देश्य
इस कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य किसानों KVK और संबंधित ही तथा धारकों के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रसार करना है कार्यशाला का उद्देश्य किसानों के उत्पादन उत्पादकता और कृषि आय को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देना है भारत के विशाल कृषि परिदृश्य जिसमें 6.5 लाख गांव और 14 करोड़ किसान शामिल है को देखते हुए यह पहल महत्वपूर्ण है इस व्यापक किसान आधार तक पहुंचाना किसी भी एकल इकाई के लिए बहुत कठिन कार्य है जो मजबूत सार्वजनिक निजी भागीदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है |
सार्वजनिक निजी भागीदारी
कृषि के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में सरकार की सार्वजनिक निजी भागीदारी को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है इस तरह के सहयोग कृषि विस्तार सेवाओं की पहुंचे और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए सरकारी और निजी संस्थाओं के संसाधनों विशेषज्ञ और नवीन समाधानों को एकत्रित करके अधिकतम क्षमता का लाभ उठाने में सक्षम बनाते हैं
आईसीएआर धानुका सहयोग
इस साझेदारी को कार्यात्मक और सार्थक बनाने के लिए धानुका एग्री टेक ने 19 मार्च 2024 को ICAR के साथ एक भूत पूर्व और ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एम ओ यू) पर हस्ताक्षर किए हैं यह समझौता ज्ञापन अनुसंधान एवं विकास की दिग्गज कंपनी धानुका और आईसीएआर जिसके पास अपना स्वयं का अनुसंधान एवं विकास है के संसाधनों और विशेष सभ्यता का लाभ उठाने में सक्षम होगा ताकि विस्तार और अनुसंधान गतिविधियों को मजबूत किया जा सके इस साझेदारी का उद्देश्य प्रदर्शनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों और क्षेत्र दिवसों के माध्यम से उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों के संयुक्त प्रसार के माध्यम से भारतीय कृषि को और अधिक जीवन बनाना है यह कार्यशाला इस सहयोगात्मक प्रयास की शुरुआत का प्रतीक है जहां ICAR और धानुका के विशेषज्ञ किसने की भलाई के लिए अपने ज्ञान और प्रौद्योगिकियों को साझा किया
तकनीकी प्रगति
नवाचार के प्रति धानुका एग्री टेक की प्रतिबद्धता 6 जापानी कंपनियों के साथ इसके सहयोग से और अधिक रेखांकित होती है जो इसे विभिन्न नक़ितों से निपटने के लिए नवीनतम तकनीकियों को पेश करने के लिए सशक्त बनाती है पलवल में स्थित कंपनी की अनुसंधान सुविधा धानुका एग्री टेकरी सच और टेक्नोलॉजी सेंटर किसानों के लिए एक मुख्य हेल्पलाइन चलती है जो उनके प्रश्नों में सहायता करती है और सहायता प्रदान करती है इसके अलावा धानुका ड्रोन और सटीक कृषि तकनीक को पेश करने में सबसे आगे हैं जो आधुनिक कृषि में महत्वपूर्ण है
भविष्य की पहल
आगे देखते हुए सभी ITARI के सहयोग से पूरे भारत में इसी तरह की कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे यह पहला सुनिश्चित करेगी कि देशभर में किसानों की नवीनतम प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं तक पहुंचे हो जो अंततः अधिक उत्पादक और टिकाऊ कृषि क्षेत्र में योगदान देंगे