भारतीय संस्कृति हमें प्रकृति की रक्षा एवं सम्मान करना सिखलाती है – बीके स्वाति दीदी
बिलासपुर , 28 जुलाई 2024
अमृत टुडे । प्रकृति हमारी मां है। जिस प्रकार मां अपने बच्चों बिना कुछ इच्छा के निरंतर पालन करती है, उसी प्रकार प्रकृति भी बिना किसी कामना के हमारी पालना करती है। प्रकृति की गोद हमारी माता की गोद की तरह सुरक्षित तथा आनंददायक है।
उक्त वक्तव्य लायंस क्लब बिलासपुर एवं अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में लायंस इंटरनेशनल रीजन के द्वारा अटल बिहारी विश्वविद्यालय कोनी स्थित परिसर में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज बिलासपुर की मुख्य सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने विशिष्ट अतिथि के रुप में कहा। दीदी ने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति हमें प्रकृति की रक्षा एवं सम्मान करना सिखलाती है। इसीलिए विभिन्न त्योहारों के माध्यम से हम नीम, पीपल, बरगद आदि पेड़ो की पूजा करते हैं।
तुलसी तो हर घर के आंगन में अवश्य विराजित होती है, क्योंकि हमारी यह मान्यता है कि जिस घर में तुलसी होती है उस घर में सुख, शांति समृद्धि आती है। परंतु अगर वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो यह सारे पेड़-पौधे हमें भरपूर ऑक्सीजन देते हैं, जो मनुष्य जीवन के लिए आवश्यक है। इतना ही नहीं हमारी यह संस्कृति है कि हम प्रकृति के हर तत्व को माता या देवी-देवता के रूप में पूजा करते हैं। क्योंकि प्रकृति निरंतर हमें देती है और हमसे लेने की कुछ भी इच्छा नहीं रखती है। नदियों को भी देवी माँ के रूप में माना जाता है। हर देवी-देवता के साथ किसी न किसी एक पशु को दिखाया गया है जो हमें यह बताता है कि हमें प्रकृति के निरंतर रक्षा करनी है। हर एक का यह कर्तव्य है कि हम वृक्षारोपण कर अपनी धरती को बचाएं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति डॉक्टर एडीएम वाजपेई जी थे। तथा पौधारोपण कार्यक्रम के आयोजन में लाइन अरविंद दीक्षित, कार्यक्रम संयोजक अध्यक्ष लायन क्लब बिलासपुर लायंस शैलेश बाजपेई जी, लायन कमल छाबड़ा, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके संतोषी दीदी जी, प्रो. मनोज सिन्हा जी, डॉक्टर कृष्ण तिवारी आदि उपस्थित रहे।