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▪️ छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर एवं माओवादी संगठन में दाम्पत्य जीवन, पारिवारिक सुख से वंचित रहने एवं माओवादियों के जीवन शैली व विचारधारा से क्षुब्ध होकर किया समर्पण।

▪️ 05 लाख का इनामी नक्सली,सीता नदी एरिया कमेटी का सदस्य एवं रावस समन्वय का डिप्टी कमांडर अजय ने किया समर्पण।

▪️ यह हत्या,मुठभेड़ आईडी लगाने समेत कई माओवादी घटनाओ में शामिल रहा है। इस पर विभिन्न धाराओ में 06 अपराध दर्ज है।

जिला धमतरी 22/08/24

अमृत टुडे | ▪️ छ०ग० शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति से प्रभावित होकर एवं पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज, रायपुर अमरेश कुमार मिश्रा के निर्देशानुसार जिले में चलाये जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान के दौरान का सदस्य एवं रावस समन्वय का डिप्टी कमांडर अजय ने आज दिनांक 22/08/24 को पुलिस अधीक्षक धमतरी श्री आंजनेय वार्ष्णेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार नायक के समक्ष माओवादियो की खोखली विचारधारा, भेदभाव-पूर्ण व्यवहार, उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर आत्मसमर्पण किया।


संक्षिप्त विवरण
• अजय उर्फ अघन उम्र 26 वर्ष कांकेर
• धारित हथियार- सुरका रायफल स्वनिर्मित
• पद- डिप्टी कमांडर / एसीएम सीता नदी एरिया कमेटी
• शासन व्दारा घोषित ईनाम- 05 लाख रूपये
• यह संघम सदस्य के पद पर संगठन में भर्ती हुआ।
• वर्ष 2010 तक बाल संघम सदस्य के पद पर कार्य किया।


इन बड़ी घटनाओं में रहा शामिल :-
• वर्ष 2017 में थाना खल्लारी ग्राम जोगीबिरदो के 01 ग्रामीण की हत्या में शामिल था।
• वर्ष 2018 में थाना बोरई ग्राम कारीपानी मुख्य मार्ग में पेड़ काटकर मार्ग अवरुद्ध किया गया था।
• 2018 थाना खल्लारी ग्राम एकावारी में रोड किनारे 05 किग्रा.टिफिन बम गड़ाया था।
• वर्ष 2020 में थाना नगरी ग्राम घोरागांव पुलिस-नक्सली मुठभेड़ जिससे गोबरा एलओएस. कमांडर रवि मारा गया था, उसमें शामिल था।
• वर्ष 2020 थाना मेचका ग्राम उजरावन के एक ग्रामीण की हत्या में शामिल था।
• वर्ष 2021 भाना खल्लारी ग्राम गादुल‌ बाहरा में एक ग्रामीण की हत्या में शामिल था।
• 2021 थाना खल्लारी ग्राम आमझर के 01ग्रामीण की हत्या में शामिल था।
संगठन छोड़ने का कारण:-
छ०ग० शासन की आत्मसमर्पण नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए एवं संगठन में कार्यो की उपेक्षा करने,भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं माओवादियों के द्वारा आदिवासियों पर किये जा रहे अत्याचार से त्रस्त होकर उक्त माओवादी द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया।
आत्मसमर्पण करने पर इसे उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत् 25000/- रूपये (पच्चीस हजार रूपये) नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गयी।

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