रायपुर, 26 अगस्त 2024
अमृत टुडे । विगत दिनों सर्वोच्च न्यायालय के गाइडलाइन अनुसार’ पास्को विक्टिम ‘हेतु नियुक्त होने वाले ‘सपोर्ट पर्सन’ के महत्वपूर्ण विषय पर यूनिसेफ के नेतृत्व में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित होकर छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व किया. उक्त वर्कशॉप भारत के नंबर वन लॉ कॉलेज Nastional law school of India University के ट्रेनिंग सेंटर बेंगलुरु में संपन्न हुआ.
जिसमें झारखंड ,राजस्थान, बिहार ,छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश राज्य के विधिक सेवा प्राधिकरण तथा समाज कल्याण/ महिला एवं बाल विकास विभाग/ बाल आयोग के प्रतिनिधि शामिल हुए. विशेष रूप से ‘जस्टिस यादव साहब कर्नाटक उच्च न्यायालय Kaliburgi बेंच’ऑनलाइन शामिल हुए. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सपोर्ट पर्सन की नियुक्ति का ड्राफ्ट/ प्रारूप तैयार करना. तथा जिन राज्यों में इस दिशा निर्देश का निष्पादन हो चुका है उनका अनुभव ज्ञान साझा करना था. जो की राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने किया.
यूनिसेफ के चाइल्ड राइट्स एक्सपर्ट ने इस विषय पर प्रकाश डाला. तथा आ रही व्यावहारिक दिक्कतों के समाधान. तथा कैसे लाभ मिलेगा. क्या-क्या योग्यताएं सपोर्ट पर्सन के लिए आवश्यक है. मानदेय कितना होना चाहिए. बजट प्रावधान. पीड़िता और परिवार को सपोर्ट कैसे करें. आर्थिक. कानूनी. मनोवैज्ञानिक सहायता किस प्रकार से करें. इस पर सारगर्भित चर्चा हुई. छत्तीसगढ़ राज्य बाल आयोग ने भी अपने विचार प्रस्तुत किया तथा विभाग द्वारा तैयार प्रारूप की भी जानकारी दी गई. स्वीकृति पश्चात जल्द ही सपोर्ट पर्सन की नियुक्ति प्रक्रिया छत्तीसगढ़ में होगी जो की बाल कल्याण समिति के माध्यम से होगी.