जनजातीय प्रदर्शनी थीम पर आधारित होगी जम्बूरी: बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर, 20 सितम्बर 2024
अमृत टुडे। छत्तीसगढ़, ’भारत स्काउट्स और गाइड्स के 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी’ और प्रथम ’विश्व गर्ल गाइड्स जम्बूरी’ की मेजबानी करने जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
यह जानकारी छत्तीसगढ़ स्काउट्स एंड गाइड के राज्य अध्यक्ष एवं रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दी।
प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान श्री अग्रवाल ने बताया कि, यह कार्यक्रम भारत स्काउट्स और गाइड्स के हीरक जयंती वर्ष के दौरान आयोजित किया जाएगा जो सेवा और युवा सशक्तिकरण के 75 वर्षों की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है।
हीरक जयंती उत्सव ’नवंबर 2024’ से शुरू होकर ’नवंबर 2025’ में ’हीरक जयंती समापन समारोह ’’19वें राष्ट्रीय जम्बूरी और प्रथम ’विश्व गर्ल गाइड्स जम्बूरी के साथ समाप्त होगा। जम्बूरी का आयोजन नवंबर 2025 में किया जाएगा। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भारत समेत करीब 125 देशो के 35ए000 से अधिक प्रतिभागियों’ के शामिल होने की संभावना है।
जंबूरी का उद्देश्य मुख्य रूप से स्काउट्स और गाइड्स को राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मंच उपलब्ध कराना है जहां गाईडस एक साथ रहकर अपने अनुभवों को साझा करते हैै जिससे उनमें सेवा भाव और नेतृत्व क्षमता का विकास होगा साथ ही सांस्कृति क्षमता का अदान-प्रदान होगा इसके अलावा कौसल विकास, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही हस्तकला में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
जम्बूरी देश और दुनिया भर के स्काउट्स और गाइड्स को एकता और सीखने की भावना सें एक साथ लाता है। यह वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को चरितार्थ करता है।
वैश्विक स्तर और भारत में, राष्ट्रीय जम्बूरी हर चार साल में आयोजित की जाती है।
जनजातीय प्रदर्शनी थीम पर आधारित होगी जम्बूरी बृजमोहन अग्रवाल
छत्तीसगढ़ में जम्बूरी का मुख्य आकर्षण जनजातीय प्रदर्शनी होगी, जो छत्तीसगढ़ के हृदय और आत्मा का उत्सव होगा।
आगामी जम्बूरी में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की ’आदिवासी धरोहर’ और ’युवा नेतृत्व’ पर जोर दिया जाएगा।
जम्बूरी के माध्यम से छ.ग. की सांस्कृतिक विरासत (लोक नृत्य, लोक-गीत, तीज त्यौहार)
और समृद्व आदिवासी कला (धोकरा कला, गोंड चित्रकला, माटी शिल्प)
हस्तशिल्प को वैश्विक मंच मिलेगा। जिससे राज्य के ग्रामीण और आदिवासी रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे।
भारत स्काउट गाइड की शुरूआत 7 नवंबर 1950 को हुई थी।
पहली जम्बूरी साल 1953 में हैदराबाद में हुआ था और 18वी. जंबूरी का आयोजन 2003 में राजस्थान के पाली जिले में हुआ था।
जंबूरी के आयोजन को लेकर कल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ हुई बैठक भी हुई थी जिसमें मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त डॉ. के.के. खंडेलवाल ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी पेश की जिस पर मुख्यमंत्री जी ने इस जम्बूरी की मेजबानी को सहमती देते हुए युवा विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और नेतृत्व प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित किया था।
छत्तीसगढ़ सरकार से इस आयोजन की सफलता के लिए ’₹25 करोड़’ के बजट को मंजूरी देने का अनुरोध किया गया है, जिससे राज्य की संस्कृति और प्रगति को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके। प्रेस वार्ता में भारत स्काउट्स एंड गाइड के मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त डॉ. के.के. खंडेलवाल और पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।