विदेशी मदिरा दुकान सरोना मार्ग में लाखों की चोरी: सुपरवाइजर द्वारा धोखाधड़ी, आबकारी अधिकारी ने दर्ज कराई FIR…..
अमृत टुडे /रायपुर/ छत्तीसगढ़/ मदिरा व्यवसाय से जुड़े लोगों में हाल ही में एक घटना ने हलचल मचा दी है। यह घटना विदेशी मदिरा दुकान, सरोना मार्ग की है, जहां सुपरवाइजर सोनू साहू द्वारा करीब 27 लाख रुपये की राशि चुराकर फरार हो जाने का मामला सामने आया है। इस धोखाधड़ी और चोरी की वारदात से न सिर्फ दुकान के संचालक बल्कि स्थानीय आबकारी विभाग में भी हड़कंप मच गया है। इस घटना को लेकर क्षेत्रीय आबकारी अधिकारी जेबा खान ने तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई की, लेकिन इस मामले ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
चोरी का पर्दाफाश
यह मामला तब उजागर हुआ जब आबकारी अधिकारी जेबा खान ने रूटीन निरीक्षण के तहत सरोना मार्ग की विदेशी मदिरा दुकान का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि बिक्री के दौरान जमा की गई राशि करीब 27 लाख रुपये गायब है। यह जानकारी मिलते ही अधिकारी ने तुरंत इसकी जांच-पड़ताल शुरू की। दुकान का सुपरवाइजर सोनू साहू जो कि इस राशि का जिम्मेदार था, अचानक से गायब पाया गया। अधिकारी ने तुरंत उसे फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ मिला। इससे अधिकारी को शंका हुई और मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने सुपरवाइजर की तलाश शुरू कर दी।
सुपरवाइजर की तलाश
जब सोनू साहू से संपर्क नहीं हो सका, तो आबकारी अधिकारी ने अपनी टीम के साथ मिलकर उसके घर का रुख किया। लेकिन, वहां पहुंचने पर पता चला कि वह पिछले दो दिनों से घर नहीं आया है। घरवालों से पूछताछ करने पर भी कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई। अधिकारी ने परिवार से आग्रह किया कि वे सोनू को बुला लें ताकि शासकीय राशि को जमा कराया जा सके। परंतु, इसके बजाय परिवार वालों ने उल्टा अधिकारी पर ही परेशान करने का आरोप लगाया। यह स्थिति “चोरी ऊपर से सीना जोरी” जैसी बन गई, जहां आरोपी के परिवार ने प्रशासनिक कार्रवाई का सहयोग करने के बजाय उल्टा अधिकारी पर ही आरोप मढ़ दिया।
FIR दर्ज, मामला गंभीर
मामले की गंभीरता को देखते हुए आबकारी अधिकारी जेबा खान ने तुरंत पुलिस थाने में सूचना दी और सुपरवाइजर सोनू साहू के खिलाफ FIR दर्ज कराई। शासकीय राशि का गबन और फरार होना एक बड़ा अपराध है, और इसे लेकर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अधिकारी ने पूरी कोशिश की कि चोरी की गई राशि जल्द से जल्द वापस लाई जाए और मामले को न्यायिक प्रक्रिया के तहत सुलझाया जाए।
अधिकारियों की तत्परता पर सवाल?
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, कुछ लोगों ने आबकारी अधिकारी की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं। आरोप लग रहे हैं कि अधिकारी ने मामले को संभालने में लापरवाही बरती, लेकिन जो लोग अधिकारी को जानते हैं, उनका मानना है कि जेबा खान ने हमेशा अपने क्षेत्र में कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उनके नेतृत्व में मदिरा की दुकानें ओवर रेटिंग और अवैध शराब बिक्री जैसे मुद्दों पर सख्त नियंत्रण में रही हैं। इस मामले में भी उन्होंने तत्परता से कार्रवाई की और शासकीय राशि की सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
सुपरवाइजर का कृत्य: विश्वासघात या संगठित अपराध?
इस घटना ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या सुपरवाइजर का यह कृत्य केवल एक सामान्य धोखाधड़ी का मामला है, या फिर इसके पीछे कोई संगठित योजना है? सरकारी धन का इस प्रकार गायब होना और फिर फरार होना, यह इस ओर इशारा करता है कि शायद यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। सुपरवाइजर सोनू साहू द्वारा किया गया यह कार्य न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि जनता के विश्वास का भी गहरा हनन है।
आरोपी की गिरफ्तारी पर उम्मीदें
अब सवाल यह उठता है कि पुलिस और प्रशासन आरोपी को कब गिरफ्तार करेंगे? पुलिस विभाग और आबकारी अधिकारी इस मामले की जांच में लगे हुए हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सोनू साहू को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना के बाद से पुलिस ने इलाके में सघन छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है, और सुपरवाइजर की तलाश में कई जगहों पर छानबीन की जा रही है। आरोपी की गिरफ्तारी से ही इस मामले में और भी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है।
आबकारी अधिकारी की निष्ठा
आबकारी अधिकारी जेबा खान को उनके विभाग में निष्ठा और कर्तव्यपरायणता के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में मदिरा की दुकानों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई की गई है। अधिकारी ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि शासकीय राशि का सही तरह से प्रबंधन हो और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। इस मामले में भी उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए तुरंत कार्रवाई की और FIR दर्ज कराई।
“चोरी ऊपर से सीना जोरी”: समाज का बदलता दृष्टिकोण
यह घटना न केवल प्रशासनिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार से आरोपी के परिवार ने उल्टा अधिकारी पर आरोप लगाए, यह बताता है कि समाज का एक वर्ग किस प्रकार अपराध को भी सामान्य मानने लगा है। “चोरी ऊपर से सीना जोरी” का यह उदाहरण इस ओर इशारा करता है कि कुछ लोग अपराध करने के बाद भी कानून के प्रति जिम्मेदारी से भागते हैं और उल्टा शिकायतकर्ता पर ही आरोप मढ़ते हैं।
न्याय की उम्मीद
आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन ने इस मामले में पूरी सख्ती से कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। अधिकारी जेबा खान की ओर से लगातार इस मामले पर नजर रखी जा रही है, और पुलिस भी आरोपी की गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यह मामला इस बात का प्रतीक है कि कानून का पालन करने वाले लोग चाहे जितनी मुश्किलों का सामना करें, अंततः न्याय की जीत होती है।
भविष्य के लिए सबक
इस घटना से अन्य सरकारी विभागों और प्रशासनिक अधिकारियों को भी सबक लेना चाहिए। सरकारी धन और संसाधनों का दुरुपयोग रोकने के लिए सतर्कता और पारदर्शिता बेहद जरूरी है। सुपरवाइजर जैसे पदों पर नियुक्त कर्मचारियों का सही समय पर मूल्यांकन और निगरानी की जानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
सरकारी धन का गबन और आरोपी का फरार होना एक गंभीर मामला है, और इस घटना ने न केवल प्रशासनिक अधिकारियों बल्कि समाज के अन्य वर्गों के लिए भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन कब तक आरोपी को गिरफ्तार कर इस मामले को सुलझाते हैं। लेकिन एक बात स्पष्ट है, आबकारी अधिकारी जेबा खान की तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा ने यह सुनिश्चित किया है कि शासकीय धन की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं।