रायपुर,18 अक्टूबर 2024
अमृत टुडे। राज्य परिवहन विभाग अंतर्गत जनकेन्द्रित सेवाओं के बेहतर एवं पारदर्शी क्रियान्वयन की दृष्टि से वाहनों के फिटनेस कार्य हेतु जिला दुर्ग में स्थापित ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) परिवहन जांच चौकी पाटेकोहरा का औचक निरीक्षण किया गया। औचक निरीक्षण के दौरान सचिव, परिवहन-सह-परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश, एवं अपर परिवहन आयुक्त, डी. रविशंकर द्वारा एटीएस सेंटर, संचालक से सेंटर में वाहनों के फिटनेस किये जाने की कार्यवाही के संबंध में विस्तार से जानकारी ली गई। विभाग द्वारा राज्य शासन की मंशानुरूप बेहतर सुशासन व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से सचिव, परिवहन एवं अपर परिवहन आयुक्त द्वय द्वारा एटीएस सेंटर दुर्ग का औचक निरीक्षण किया गया है।
सचिव, परिवहन एवं अपर परिवहन आयुक्त द्वारा फिटनेस सेंटर में वाहनों के फिटनेस संबंधी प्रक्रिया, स्थापित उपकरण एवं मशीनों के ऑपरेटिंग प्रणाली, इसके रखरखाव, तकनीकी खामियों आने पर सुधार संबंधी कार्यवाही, साफ्टवेयर ऑपरेटिंग एवं आपातकालीन स्थितियों में अन्य वैकल्पिक व्यवस्था इत्यादि का जायजा लिया गया। एसटीएस संचालक को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गये।
राज्य के सीमावर्ती परिवहन जांच चौकी पाटेकोहरा में समय-समय पर वाहनों की कतार लगने, चेकिंग कार्यवाही की बेहतर कार्यप्रणाली एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सचिव, परिवहन एवं अपर परिवहन आयुक्त द्वारा चेकपोस्ट का औचक निरीक्षण किया गया। सीमावर्ती महाराष्ट्र राज्य में वाहन चेकिंग व्यवस्था तथा जांच चौकी में आधुनिकीकरण के तहत निरीक्षण के दौरान अन्य राज्यों से आने जाने वाले वाहनों के चेकिंग व्यवस्था का अवलोकन किया गया। कार्यों के संपादन में बेहतर तकनीकी तौर तरीके से जंच चौकियों को अपडेट किया जा सकता है, इस पर विचार किया गया। विधि विरुद्ध संचालित होने वाले वाहनों की चेकिंग कार्यवाही एवं अन्य वैकल्पिक आधुनिकी कार्यपद्धति को किस तरह लागू किया जाना है, इस पर चर्चा की गई। सीमावर्ती राज्यों द्वारा वाहनों की चेकिंग के दौरान अपनाई जा रही प्रक्रियाओं का भी अवलोकन किया गया। चेकपोस्ट प्रभारी एवं प्रवर्तन अमले को चेकिंग के दौरान वाहन चालकों से बेहतर संवाद स्थापित करने एवं सुव्यवस्थित यातायात व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये गये। ऐसी व्यवस्था विकसित किया जाए जिससे मार्ग में संचालित वाहनों के चेकिंग कार्यवाही में समय की बचत हो सके और वाहन संचालकों को बेहतर सुविधाएं मिल सके।