सड़क सुरक्षा माह 2025
रायपुर, 24 जनवरी 2025
अमृत टुडे। सीट बेल्ट वाहन चलाते समय और किसी दुर्घटना के दौरान ड्राइवर और यात्रियों को गंभीर चोटों से बचाने का सबसे प्रभावी काम करता है।
सीट बेल्ट दुर्घटना के दौरान व्यक्ति को वाहन के अंदर स्थिर रखने में मदद करती है, जिससे सिर, छाती और अन्य अंगों की चोटों का खतरा कम होता है।
अचानक ब्रेक लगाने पर शरीर को आगे की ओर झटके से रोकने में सीट बेल्ट मदद करती है।
सीट बेल्ट पहने रहने पर ड्राइवर को अपने वाहन पर बेहतर नियंत्रण मिलता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि सीट बेल्ट पहनने से मृत्यु की संभावना 45% तक कम हो जाती है।
एयरबैग और सीट बेल्ट का संबंध
एयरबैग का उद्देश्य
सीट बेल्ट के साथ मिलकर सुरक्षा देना है। यदि सीट बेल्ट नहीं पहनी जाती है, तो एयरबैग प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाता।
सीट बेल्ट शरीर को स्थिर रखती है, जबकि एयरबैग सिर और छाती को चोट से बचाते हैं।
बिना सीट बेल्ट के, एयरबैग का झटका खतरनाक हो सकता है और चोटों को बढ़ा सकता है।
कानूनी प्रावधान
(मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (Motor Vehicles Act, 1988)
धारा 138(3)
सीट बेल्ट पहनना सभी ड्राइवर और आगे बैठने वाले यात्रियों के लिए अनिवार्य है।
संशोधित मोटर वाहन अधिनियम, 2019 के अनुसार, सीट बेल्ट न पहनने पर ₹1,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
पीछे की सीट पर भी अनिवार्यता:
अब पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है।
नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी
सीट बेल्ट न पहनने से न केवल आप अपनी जान जोखिम में डालते हैं, बल्कि दूसरों की सुरक्षा पर भी असर पड़ता है।
दुर्घटनाओं को कम करने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सीट बेल्ट का उपयोग करना जरूरी है।
सीट बेल्ट और एयरबैग मिलकर दुर्घटनाओं के दौरान अधिकतम सुरक्षा प्रदान करते हैं।
वाहन में बैठते समय सीट बेल्ट जरूर पहनें और यातायात के नियमो का पालन करें।