रायपुर, 15 मार्च 2025/ पुलिस से मिली जानकारी….. दिनांक 14.04.25 को थाना पंडरी क्षेत्र में एक 13 वर्षीय विधि के साथ संघर्षरत बालक द्वारा अपने पड़ोस में रहने वाले 03 वर्षीय बच्ची को अपने घर में बुलाकर बच्ची के साथ अश्लील हरकत करते हुये दुष्कर्म किया गया। बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और विधि के साथ संघर्षरत बालक के विरूद्ध थाना पंडरी में अपराध क्रमांक 76/25 धारा 64, 65(2) बी.एन.एस एवं 4 पॉक्सो एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विधि के साथ संघर्षरत बालक को हिरासत में लिया गया है। स्वास्थ्य परीक्षण में बच्ची की शारीरिक स्थिति सामान्य बताई गई है।

राजधानी शहर में कल देर शाम एक गंभीर और चिंताजनक घटना सामने आई, जिसमें एक नाबालिग 3 वर्ष की बच्ची के साथ 13 वर्षीय नाबालिग लड़के ने अत्यंत निंदनीय और अमानवीय दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण मामला मोवा थाना क्षेत्र में घटित हुआ, जिसने न केवल स्थानीय समुदाय बल्कि समाज के सभी वर्गों में गहरा आक्रोश उत्पन्न कर दिया है।
इस घृणित कृत्य के प्रति जनता की प्रतिक्रिया तीव्र रही है, और कई समाजसेवी संस्थाएं एवं राजनीतिक दल इस घटना के विरोध में सक्रिय रूप से अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। उन्होंने कानून लागू करने वाली एजेंसियों से त्वरित कार्रवाई करने और दोषियों को दंडित करने की मांग की है, ताकि इस प्रकार के अपराधों पर प्रभावी रोकथाम की जा सके। इसके अलावा, यह भी अपेक्षित है कि ऐसे मामलों में पीड़ितों को उचित न्याय और समर्थन प्रदान किया जाए, जिससे समाज में आस्था पुनः स्थापित हो सके।

इस मामले ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया है, और सभी को एकजुट होकर इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ आवाज़ उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
इस संदर्भ में, छत्तीसगढ़ शिवसेना की प्रदेश महिला विंग की अध्यक्ष ज्योति सिंह और जिला अध्यक्ष लक्ष्मी कश्यप का बयान महत्वपूर्ण है। उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से एक गंभीर और प्रभावी अपील की है कि इंटरनेट पर प्रचलित आपत्तिजनक वीडियो और सामग्री पर तात्कालिक रूप से रोक लगाई जानी चाहिए। उनके अनुसार, वर्तमान समय में छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन होने के कारण, वे अनजाने में अश्लील फोटो और वीडियो के संपर्क में आ रहे हैं, जो कि इंटरनेट के माध्यम से उनके मोबाइल तक पहुँच रहे हैं। यह स्थिति बच्चों के मानसिक विकास और नैतिक दिशा को बिगाड़ने का एक बड़ा कारण बन सकती है। उनके अनुसार, इस तरह के वीडियो क्लिप और सामग्री पर अविलंब रोक आवश्यक है, जिससे कि भविष्य में बच्चों को इस प्रकार की नकारात्मक सामग्री से बचाया जा सके।

इसके अतिरिक्त,
एक हालिया शर्मनाक घटना को ध्यान में रखते हुए, जिसमें तीन साल की बच्ची के साथ एक 13 साल के नाबालिग द्वारा दुष्कर्म किया गया है, इस स्थिति की गंभीरता और बढ़ जाती है। इस घटना से बच्चों की मनोदशा और उनकी सुरक्षा के विषय में गहरी चिंता उत्पन्न होती है। ऐसे में ज़रूरी है कि नाबालिग आरोपी को बाल सुधारगृह में रखा जाए और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) एक्ट के तहत त्वरित कार्यवाही की जाए। यह न केवल एक निवारक कदम होगा, बल्कि समाज में बच्चों की सुरक्षा और उनके आदर्श निर्माण हेतु एक महत्वपूर्ण संदेश भी प्रस्तुत करेगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक सीख बन सके।
