रायपुर, 20 फरवरी 2024/ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में पीएम योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। भारत सरकार शिक्षा के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी। पीएम योजना के द्वितीय चरण में छत्तीसगढ़ की अपेक्षाओं के अनुरूप अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएम योजना की कल शुरूआत की गई है। जिसके तहत 2-2 करोड़ प्रति स्कूल राशि खर्च कर स्कूलों को बड़े शहरों और विश्व स्तर के आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राईजिंग इंडिया’ प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना का प्रमुख आधार है।
वर्षों में छत्तीसगढ़ में शिक्षा का जो हाल है, वह किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के विकास के लिए बजट में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती के साथ स्कूल भवनों के निर्माण सहित अनेक प्रावधान किए गए हैं। हमें खाली खजाना मिला लेकिन चिन्ता की बात नहीं है। जब डबल इंजन की सरकार है। हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को एक समृद्ध प्रदेश बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि पीएम योजना के तहत छत्तीसगढ़ के चयनित 211 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और स्कूलों की अधोसंरचना विकास के कार्य किए जाएंगे। ताकि विद्यार्थी आने वाले जीवन के लिए तैयार हों। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार के बजट में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में मल्टीलेंग्वेज एजुकेशन बच्चों को दिया जाए। पीएम योजना प्रधानमंत्री का विकसित भारत का सपना है। उन्होंने इस योजना में छत्तीसगढ़ के अधिक से अधिक स्कूलों को शामिल करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि पीएम उषा योजना के तहत बस्तर विश्वविद्यालय को 100 करोड़, रविशंकर विश्वविद्यालय और अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर को 20-20 करोड़ रूपए का अनुदान स्वीकृत किया गया है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और केन्द्रीय शिक्षामंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हम अगले पांच वर्षों में प्रदेश के 25 हजार स्कूलों को स्मार्ट स्कूल के रूप विकसित करेंगे। दूरस्थ अंचल के प्रायमरी और मिडिल स्कूल के बच्चों को निःशुल्क जूता-मोजा और बैग देना चाहते हैं। 10 हजार स्कूलों के जर्जर भवनों और नए स्कूल भवन का निर्माण करना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने केन्द्र से मदद का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि हम 11वीं और 12वीं के बच्चों को भी निःशुल्क पुस्तकें देने जा रहे हैं। हमारा यह आग्रह है कि प्रदेश के हर जिले में केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय हों। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री के भावनाओं के अनुरूप छत्तीसगढ़ की शिक्षा के स्तर को देश की शिक्षा के स्तर पर लाएंगे। कार्यक्रम को केन्द्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार, छत्तीसगढ़ के शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने भी सम्बोधित किया।