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गरियाबंद 23 जुलाई 2024

अमृत टुडे । विषम भौगोलिक परिस्थियों और घने जंगलों से आच्छादित होने के कारण बारिश के दिनों में जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में मलेरिया के केस बढ़ने की संभावना रहती है। लोगों को मलेरिया से बचाने एवं मलेरिया प्रकरण नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया रोकने के लिए सक्रियता से अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के बसाहटों में पहुंच रही है। घने जंगलों एवं नदी-नालों को पारकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं मितानिन की टीम गांवों में पहुंचकर लोगों को मलेरियारोधी दवाईयों के साथ मच्छरदानी का भी वितरण कर रही है। साथ ही लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए किये जाने वाले आवश्यक उपाय के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गार्गी यदु पाल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग पूरी जिम्मेदारी और तत्परता से कार्य करते हुए मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रयास कर रही है। मलेरिया की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए गत वर्षों में जहां मलेरिया के अधिक प्रकरण मिले थे उन 60 ग्रामों में डी.डी.टी. का छिड़काव किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले के तीन विकासखंडों (गरियाबंद, छुरा एवं मैनपुर) में मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में वर्ष 2022 में कुल 75 हजार 77 मच्छरदानी तथा वर्ष 2023 में 37 हजार 499 मच्छरदानी वितरित की गई थी। इसी प्रकार वर्तमान में भी लगातार मच्छरदानियों का वितरण किया जा रहा है।

सीएमएचओ ने बताया कि 10 जून 2024 से मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत गरियाबंद जिले के तीन विकासखंडों गरियाबंद, छुरा एवं मैनपुर में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के 10 वें चरण के अंतर्गत चिन्हित गांवों में लगातार घर घर सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। आरडी किट के द्वारा लोगों की मलेरिया जांच की जा रही है। अभी तक विकासखण्ड गरियाबंद के 7049 ,विकासखंड छुरा के 3870 तथा विकासखंड मैनपुर के 12061 व्यक्तियों की मलेरिया जांच की जा चुकी है। उसमें गरियाबंद जिले में कुल 51 व्यक्ति मलेरिया पॉजीटिव मिले हैं। जिसमें मैनपुर ब्लॉक के 35 लोग मलेरिया रोगी मिले। जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनपुर और जिला चिकित्सालय गरियाबंद में भर्ती कर ईलाज किया गया।सीएमएचओ ने बताया कि मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित मैनपुर ब्लॉक के ग्रामों में बीएमओ डॉ गजेन्द्र ध्रुव और स्वास्थ्य विभाग की टीम घने जंगलों, नदी-नालों और पहाड़ों को पार कर कच्चे रास्तों में पैदल चलकर लगातार भ्रमण कर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर मरीजों के जांच और उपचार के साथ ही मलेरिया से बचने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं।

ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव और अन्य पंचायत पदाधिकारियो के सहयोग से मलेरिया प्रभावित ग्रामों में सौ फीसदी लोगों का मलेरिया जॉच किया जा रहा है। स्कूली शिक्षकों और स्वयंसेवको को मलेरिया से बचाव हेतु प्रशिक्षित कर मलेरिया जॉच में सहयोग लिया जा रहा है। स्वास्थ्य संयोजक, सीएचओ, मितानिन प्रशिक्षको, मितानिनो द्वारा ग्रामीणों को मच्छरदानी के उपयोग की सलाह दी जा रही है। ग्रामीणों को घरों के आसपास गड्ढों में पानी जमा न होने देने या उनमें जला हुआ तेल डालने और बुखार आने पर झाड़ फूंक कराने के बजाय तत्काल मितानीन या नजदीकी अस्पताल में पहुंचकर खून की जांच कराने की सलाह दी जा रही है। गांव की दीवार पर मितानिनों द्वारा मलेरिया और डायरिया से बचाव संबंधी नारे लिख कर और स्कूली बच्चों के साथ रैली निकालकर जनजागरूकता और प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जिले के सभी आवासीय छात्रावास, क्रीड़ा परिसर एवं आश्रम परिसर में मलेरिया की जांच एवं रोकथाम हेतु सतत अभियान चलाया जा रहा है। प्रत्येक स्वास्थ्य संस्था और मितानिनों के पास मलेरिया नियंत्रण हेतु आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

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