रायपुर , 31 जुलाई 2024
अमृत टुडे । राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमि जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के सानिध्य में केन्द्रीय कार्यालयों के साथ मुंशी प्रेमचंद्र की जयंती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमि जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, नेहरू युवा केंद्र, रायपुर, नागरीय विमानन एवं सुरक्षा ब्युरो, केन्द्रीय जल आयोग, एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, अंतर राज्य पुलिस बेतार केंद्र, एमएसटीसी के अधिकारियों के साथ 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए निधीष वर्मा, क्षेत्रीय निदेशक, राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमि जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान ने कहा की प्रेमचंद हिन्दी इतिहास के सर्वोत्तम उपन्यासकारों मे रहें हैं, उनकी लेखनी से हिन्दी भाषा की दशा तो बदली ही है साथी नई दिशा भी मिली है।
गोपाल प्रसाद, राजभाषा अधिकारी, राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमि जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान ने प्रतिभागियों को प्रेमचंद के जीवन पर प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता करवाई। कार्यक्रम का संचालन शालिनी तिवारी, वैज्ञानिक एवं गोपाल प्रसाद, सहायक निदेशक (राभा) राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमि जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान ने किया। कार्यक्रम मे 100 से अधिक प्रतिभागियों से भाग लिया।
अर्पित तिवारी, जिला युवा अधिकारी, नेहरू युवा केंद्र रायपुर, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने बताया की प्रेमचंद की जीवनी से हमें द्रढ़ विश्वास, जूनन व कभी हार न मानने वाली मनोदृष्टि सीखने के लिए मिलती है। उन्होंने आगे बताया की प्रेमचंद हमारे देश के नारीवादी के अग्रदूत रहें है, जो आज के समाज के लिए भी प्रेरणा है।
राजीव गांधी भूजल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक ने किया प्रेमचंद की कहानियों पर अद्भुत नाट्य मंचन
राजीव गांधी भूजल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक सूरज कुमार, शुभम यादव, नवनीत बारीक, शुबजीत रॉय, प्रेरणा डे व मोनिका बुमराडे द्वारा प्रेमचंद के बहुप्रचलित कहानी ‘मंत्र’ पर भावपूर्ण नाट्य मंचन किया। युवा वैज्ञानिको ने अत्यंत ही सरल परंतु प्रभावशाली ढंग प्रेमचंद की अमर कहानी का नाट्य मंचन किया। युवा वैज्ञानिक, हिमांशु ने व्याख्यान देते हुए कहा की समाज मे व्याप्त धार्मिक कुरीतियों एवं आडंबरों पर प्रेमचंद ने अपनी लेखनी के माध्यम से दृढ़ता व निस्वार्थ भाव से प्रहार किया है।q
सूरज ने हरिशंकर परसाई के प्रेमचंद के जीवन पर आधारित निबंध ‘प्रेमचंद के फटे जूते’ पर एकल मंचन किया। उन्होंने नाटकीय मंचन से प्रेमचंद के व्यक्तित्व को सादगी के साथ उनके जीवन की अंतर्भेदी सामाजिक दृष्टि का विवेचन किया साथी ही आज के दिखावे की प्रवत्ति एवं अवसरवादिता पर व्यंग्यात्मक मंचन किया।