विज्ञापनों की होगी सतत मॉनीटरिंग, मीडिया मॉनिटरिंग समिति रखेगी नजर
पेड न्यूज पर होगी कार्रवाई, निर्वाचन व्यय में जुड़ेगी राशि
धमतरी 31 जनवरी 2025
अमृत टुडे । नगरीय निकाय निर्वाचन के दौरान राजनीतिक प्रचार-प्रसार के लिए छापे जाने वाले पॉम्पलेट, पोस्टर, हैण्ड बिल और अन्य दस्तावेजों पर प्रकाशक एवं मुद्रक का नाम उल्लेखित करना जरूरी होगा। ऐसी मुद्रित प्रचार सामग्री पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम उल्लेख नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित होने वाले विज्ञापनों और समाचारों की भी गहन निगरानी की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए जिला स्तरीय एवं संभाग स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति का गठन किया है।
धमतरी जिले में जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, स्थानीय निर्वाचन नम्रता गांधी की अध्यक्षता में गठित की गई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार निर्वाचन संबंधी पर्चों एवं पोस्टरों, आदि में मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम स्पष्ट दर्शाया जाना चाहिए तथा मुद्रित सामग्री की चार प्रतियां और प्रकाशक के घोषणा पत्र की एक प्रति मुद्रण के तीन दिवस के अंदर जिला निर्वाचन कार्यालय को निर्धारित प्रारूप के साथ भिजवाना होगा। इसके उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
विज्ञापनों की होगी सतत मॉनीटरिंग
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रिंट, सोशल एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया की निर्वाचन से जुड़ी खबरों और विज्ञापनों की मॉनिटरिंग के भी विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शी बिन्दुओं के अनुरूप आदर्श आचार संहिता, राजनीतिक विज्ञापन, पेड न्यूज, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार की निगरानी मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति द्वारा की जाएगी। जिला स्तरीय मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ द्वारा पेड न्यूज की मानिटरिंग भी की जायेगी।
संदिग्ध पेड न्यूज होने पर उसकी जानकारी समिति द्वारा रिटर्निंग आफिसर को दिया जायेगा। रिटर्निंग आफिसर द्वारा उम्मीदवार को नोटिस जारी किया जायेगा। अभ्यर्थी को नोटिस तामिली के 48 घंटे के भीतर अपना पक्ष रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष रखना होगा। यदि निर्धारित समयावधि में अभ्यर्थी जवाब प्रस्तुत नहीं करता है, तो संदिग्ध पेड न्यूज को पेड न्यूज मानकर उसकी निर्धारित राशि अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोड़ी जाएगी।
यदि अभ्यर्थी जिला स्तरीय समिति के निर्णय से सहमत ना हो तो वह संभाग स्तरीय समिति में 15 दिन के भीतर अपील कर सकेगा। राशि की गणना डीएवीपी या डीपीआर के दर के आधार पर की जाएगी।