मुख्यमंत्री के हाथों 31 मेधावी श्रमिक बच्चों को मिली 2-2 लाख की प्रोत्साहन राशि
मुख्यमंत्री ने 38 हजार श्रमिकों के खातों में ऑनलाइन अंतरित किए 19.71 करोड़ की सहायता राशि
रायपुर 15 जून 2025
अमृत टुडे । हम श्रमिक परिवारों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। आपका स्नेह और सहयोग ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और हम सब मिलकर एक विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करेंगे।” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत कक्षा दसवीं और बारहवीं के टॉप 10 में स्थान पाने वाले पंजीकृत श्रमिकों के 31 मेधावी बच्चों को दो-दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि का वितरण कर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत राज्य के 38 हजार 200 निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत 19.71 करोड़ रूपए से ज्यादा की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की।

छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. राम प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के साथ प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। मण्डल के माध्यम से प्रदेश में 31 जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें नोनी सशक्तिकरण, महतारी जतन, श्रमिक सियान सहायता जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मण्डल प्रदेश के 29.47 लाख पंजीकृत श्रमिकों और उनके परिजनों को स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रहा है। श्रमिक अपना पंजीकरण श्रमेव जयते ऐप, लोक सेवा केन्द्र या श्रम कार्यालय में करवा सकते हैं।
नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना ने बदली मजदूर परिवार के बच्चों की ज़िंदगी
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सामने मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से लाभान्वित बच्चों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए आभार व्यक्त किया। सभी बच्चों ने कहा कि वे मजदूर और गरीब परिवारों से हैं, लेकिन इस योजना ने उन्हें पढ़ाई का अवसर दिया। यह योजना श्रमिक परिवारों के सपनों को नई उड़ान दे रही है।
सूरजपुर जिले के भैयाथान के हीरा सिंह ने बताया कि आईआईआईटी से बी टेक की पढ़ाई पूरी कर अब जूनियर डेटा साइंस डेवलपर बन चुके हैं। इस योजना से उन्हें 4.10 लाख रुपए की सहायता मिली, जिससे उनकी पढ़ाई पूरी हो पाई थी।
इसी तरह बी.टेक अंतिम वर्ष के छात्र अमलेंद्र पैंकरा ने बताया कि उनका परिवार मजदूरी कर जीवन यापन करता है और इस योजना की मदद से कॉलेज की फीस भर पा रहे हैं।
एक अन्य छात्र दीपक पैंकरा ने सूरजपुर के छोटे से गांव से आईआईआईटी, रायपुर में एडमिशन तक के अपने संघर्ष भरे सफर को साझा किया। दीपक ने बताया कि योजना के माध्यम से अपने बीटेक की पढ़ाई की फीस भर रहे हैं और योजना से उन्हें लगभग 4 लाख रुपए की सहायता प्राप्त हो चुकी है।

