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धान का समर्थन मूल्य ₹3286 देने की मांग, केंद्र की राशि न देने का आरोप

सरकार किसानों को कर रही है गुमराह, समर्थन मूल्य से वंचित हो रहे हैं किसान: बैज

“1000 देकर 3000 वसूल रही सरकार”, बिजली बिल पर कांग्रेस का हमला

महतारी वंदन योजना पर तंज: बैज बोले – ये मदद नहीं, जनता से वसूली है

बिजली बिल बना बड़ा मुद्दा, कांग्रेस करेगी राज्यव्यापी आंदोलन

जनता की गाढ़ी कमाई लूट रही है सरकार: दीपक बैज

रायपुर, अमृत टुडे। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बिंदु उठाते हुए उल्लेख किया कि राज्य में सभी किसानों का पंजीकरण अभी तक पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है। यह स्थिति न केवल किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रही है, बल्कि संपूर्ण कृषि क्षेत्र के लिए भी यह सबसे बड़े चिंता के विषयों में से एक बन चुकी है। उन्होंने कहा कि हम लगातार सभी प्रकार की सरकारों से यह आग्रह कर रहे हैं कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 1 नवंबर से धान की खरीद शुरू कर दी जानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धान का समर्थन मूल्य, जो कि 3286 रुपये निर्धारित किया गया है, उसे किसानों को सही तरीके से वितरित किया जाना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार वास्तव में किसानों के साथ ठगी कर रही है, क्योंकि वह केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित राशि को सीधे किसानों को नहीं देने का काम कर रही है। बैज ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और इसे एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि बिजली बिल भी प्रदेश के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दा है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।

यह सरकार, जो महतारी वंदन योजना के तहत प्रतिमाह ₹1000 प्रदान करती है, उसी घर से, जिसके निवासी इस राशि का लाभ उठा रहे हैं, ₹1000 के बदले में ₹3000 का बिजली बिल वसूल कर रही है। इसका अर्थ यह है कि कुल मिलाकर, बिजली बिलों में वृद्धि करके, छत्तीसगढ़ की जनता की कठिनाई और कमाई को यह सरकार अपने तरीके से लूटने का प्रयास कर रही है। इस स्थिति के मद्देनजर, केवल राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि आम जनता भी अब सड़कों पर उतरकर सरकार की नीतियों का विरोध कर रही है। वे कई कलेक्टर कार्यालयों और बिजली कार्यालयों का घेराव कर रहे हैं, जो कि कहीं न कहीं इस सरकार की विफलता को दर्शाता है।

सरकार के इन कार्यों के परिणामस्वरूप, छत्तीसगढ़ की जनता की मेहनत से कमाई गई राशि को पूरी तरह से लूटने का प्रयास किया जा रहा है। इसी संदर्भ में, राज उत्सव कार्यक्रम जो कि 1 नवंबर से आयोजित होता है, एक पुरानी परंपरा है और इसे राज्य के गठन के बाद से हर साल मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्थानीय और छत्तीसगढ़ी कलाकारों को भी उस अवसर का उचित महत्व दिया जाए। हमें यह ध्यान देना चाहिए कि हाल में रायगढ़ में आयोजित चक्रधर समारोह के दौरान स्थानीय प्रतिभाओं को उपेक्षित किया गया। वहां, हमारे स्थानीय कलाकारों को न केवल कम दर पर प्रस्तुति देने के लिए बोली लगाई गई, बल्कि बाहरी कलाकारों को करोड़ों रूपए दिए गए।

इस प्रकार, छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों के साथ इस तरह का भेदभाव उचित नहीं है, और सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि सभी कलाकारों को समान अवसर मिल सके।

हर जिले में आप देखेंगे कि महिला कार्यकर्ताओं ने अपनी भूमिका को पूरी निष्ठा के साथ निभाते हुए उल्लेखनीय तरीके से दावेदारी की है। यह न केवल उनकी समर्पण की भावना को दर्शाता है, बल्कि उनकी मेहनत और उत्साह को भी उजागर करता है। हाल ही में विभिन्न जिलों में आए ऑब्जर्वर ने अपने-अपने क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं से व्यापक चर्चा की है, जिसमें उन्होंने महिला कार्यकर्ताओं की सुविधाओं, उनकी चुनौतियों और प्राप्त किए गए अनुभवों पर विचार-विमर्श किया। इसके फलस्वरूप, महिला कार्यकर्ताओं से संबंधित उनके महत्वपूर्ण विचारों का ध्यान रखा गया है, और इस संबंध में उनकी रिपोर्टों को भी संकलित किया गया है। इसके साथ ही, महिला कार्यकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत कई आवेदन भी प्राप्त हुए हैं, जिन्हें गंभीरता से देखा जा रहा है। इसके अलावा, प्रदेश में संगठन सृजन के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं को उचित और सम्मानजनक स्थान प्रदान किया जाए, ताकि वे समाज के विकास में अपने योगदान को और भी प्रभावी तरीके से कर सकें।

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