• Sun. Dec 14th, 2025
Spread the love

“प्रदेश कांग्रेस में गुटवाज की सुनियोजित भूमिका — दीपक बैज, भूपेश बघेल समेत चारों गुटों के लिए पदाधिकारी व्यवस्था तय होनी चाहिए

“एक जिले में चार‑चार पदाधिकारी — कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष को छत्तीसगढ़ में गुटनिहित संगठन तय करना चाहिए”

रायपुर,10 अक्टूबर 2025

अमृत टुडे। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को यह बहुत गंभीरता से तय करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ राज्य के संदर्भ में जिला स्तर पर दीपक बैज के कितने अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे, भूपेश बघेल के नेतृत्व में कितने अध्यक्ष कार्य करेंगे, और नेता प्रतिपक्ष के कितने अध्यक्ष खड़े किए जाएंगे।

इसके अतिरिक्त,
यह भी निर्धारित किया जाना चाहिए कि बाबा साहब बाबा के कितने अध्यक्ष हो सकते हैं। यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हर एक जिले में कम से कम चार से पांच पदाधिकारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए, ताकि हर एक गुट का एक अलग योगदान हो सके।

इस तरीके से,
प्रत्येक गुट के पास अपने-अपने अध्यक्ष होंगे, जो पार्टी के उद्देश्यों और विचारधाराओं को आगे बढ़ाने में सहायक होंगे। इस बिंदु पर, यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि सभी चुनावी प्रक्रियाएं और नियुक्तियाँ प्रभावी और सुव्यवस्थित हों, ताकि संगठनात्मक संरचना में मजबूती आ सके और पार्टी की पहुंच को और भी व्यापक बनाया जा सके।

“मंत्री केदार कश्यप का सुझाव — छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हर गुट को जिला स्तर पर पदाधिकारी विभाजन तय किया जाए”

मंत्री केदार कश्यप ने स्पष्ट रूप से यह बयान दिया कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को छत्तीसगढ़ राज्य के संदर्भ में यह निर्णय लेना चाहिए कि जिला स्तर पर विभिन्न नेताओं, जैसे कि दीपक बैज, भूपेश बघेल, और नेता प्रतिपक्ष के कितने अध्यक्ष होंगे।

इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बाबा साहब बाबा के लिए भी कितने अध्यक्ष होंगे, यह विचारणीय है।

उनका यह विचार है कि प्रत्येक जिले में कम से कम चार से पांच पदाधिकारी होने चाहिए, ताकि हर किसी का एक अलग-अलग गुट बने और एकजुटता की भावना में कमी न आए, जो कि वर्तमान में स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई देती।

मंत्री ने कहा कि कुछ लोग भूपेश बघेल के समर्थक हैं, जबकि अन्य दीपक बैज के लिए वफादार हैं। इस प्रकार, उन्होंने यह सुझाव दिया कि सभी को अलग-अलग वर्गों में बांट देना चाहिए।

इस संदर्भ में,
उन्होंने राजनीतिक संरचना को पुनर्गठित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि कांग्रेस की विभिन्न कमेटियों को भूपेश बघेल, दीपक बैज और टी एस सिंहदेव के नाम से स्पष्ट रूप से पहचाना जा सके। उनका मानना है कि इस तरह की अलग-अलग कांग्रेस कमेटियों का गठन करना कांग्रेस पार्टी की संगठनात्मक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा और इसे एक अधिक सक्षम और पेशेवर तरीके से संचालित किया जा सकेगा।

“किसानों के साथ न्याय का दावा करने वालों को पहले अपनी सरकारों में जवाब दें: का़बिलियत नहीं ज्ञान बाँटना बंद करें”

जिन लोगों ने पिछले समय में किसानों के साथ न्याय करने की योजना बनाई थी, वे अब हमसे सुझाव दे रहे हैं कि हमें आगे क्या करना चाहिए।

इस संदर्भ में,
हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम पहले से ही अपने किसानों के साथ खड़े हैं और उनके कल्याण के लिए आवश्यक सभी कार्य कर रहे हैं। हमारे मुख्यमंत्री, विष्णु देव साय, ने अपने पदभार संभालने के तुरंत बाद किसानों को सहायता प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण प्रावधान किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि किसानों को तत्काल राशि मिले, ताकि वे अपने आर्थिक संकट को तत्काल हल कर सकें।

इसके अलावा,
उन्होंने पिछले दो वर्षों का बकाया बोनस भी दिया, जो निश्चित रूप से किसी भी सरकार की कार्यक्षमता और उनकी किसानों के प्रति प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है।

अब इस पर विचार करने की आवश्यकता है कि यह सब सरकार की और पार्टी की राजनीतिक इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। यदि किसी को यह अनुभव है कि ज्ञान बांटने से या मार्गदर्शन करने से कुछ लाभ हो सकता है, तो मैं उन्हें यह सुझाव देता हूं कि वे उन क्षेत्रों में जाएं जहां कांग्रेस की सरकार है और वहां जाकर यह सचेतनता फैलाएं कि उनके शासनकाल में क्या-क्या मुद्दे रह गए हैं, जिनका समाधान नहीं किया जा सका।

उनका यह प्रयास वास्तव में उन अनुभवों पर आधारित होना चाहिए जो उन्होंने अपने कार्यकाल में सीखे हैं और जो किसानों की भलाई के लिए आवश्यक हैं।

इस प्रकार,
यह आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दल अपने कर्तव्यों का सही आकलन करें और किसानों की सच्ची सेवा में योगदान दें।

Leave a Reply