DM अवनिश शरण के सिम्स विजिट के दौरान सिम्स में AC के कॉपर पाइप और तार चोरी करने की जानकारी सामने आयी थी । चोरी करने वाले आरोपियो पर कोतवाली पुलिस का प्रहार ।
SP के निर्देश पर एफ.आई.आर. दर्ज होने के चंद घण्टो के अंदर सभी आरोपियो को किया गया गिरफ्तार और चोरी गए संपत्ति को किया गया जप्त ।
महत्वपूर्ण :- चोरी के इस अपराध में शामिल आरोपी ज़िला अस्पताल में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता रहा है ।
बिलासपुर 16 मई 2024 | विवरणः- मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी डाॅ. विवेक शर्मा पिता सुरेश प्रसाद शर्मा उम्र 42 वर्ष निवासी उप चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय सिम्स आयुर्विविज्ञान संस्थान थाना सिटी कोतवाली जिला बिलासपुर थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि सिम्स आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर में अलग अलग कक्ष में लगे ए.सी.का कापर वायर कनेक्शन 18 नग कीमती 72,000 को दिनंाक 27.03.2024 से 08.04.2024 के मध्य अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी कर ले जाने की रिपोर्ट पर थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 219/2024 धारा 380 भादवि पंजीबद्ध कर वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह द्वारा आरोपियो को तत्काल गिरफ्तार करने निर्देशित किया गया। जिसके परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर, उमेश कश्यप तथा नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली पूजा कुमार के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक विजय चैधरी के नेतृत्व में थाना स्तर पर टीम गठित कर मजबुत मुखबीर सूचना तंत्र लगाया गया, इसी दौरान मुखबिर सूचना मिली कि किशन आडिल पिता स्व. दीलीप आडिले एवं प्रदीप कचेर पिता मोहन लाल कचेर पिता दोनो निवासी गुरूघासी दास मंदिर के पास थाना तारबाहर के द्वारा चोरी के ए.सी. कापर पाईप को मन्नू चैक स्थित गणेश मौर्य के कबाडी दुकान में बेच रहे है।
मुखबिर के निशानदेही पर मन्नू चैक स्थित गणेश मौर्य के कबाडी दुकान में घेराबंदी कर आरोपियो को पकडा गया। आरोपी किशन आडिल एवं प्रदीप कचेर से ए.सी. कापर पाईप के संबंध मे पूछताछ करने पर शुरू में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की परंतु पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछताछ करने पर सिम्स अस्पताल बिलासपुर से ए.सी. पाईप को चोरी करना तथा ए.सी. कापर पाईप को गणेश मौर्य के कबाडी दुकान में बेचना बताया गया। चोरी गए ए.सी.कापर पाईप को कबाडी गणेश मौय के दुकान एवम आरोपी के घर से बरामद किया गया। आरोपियो को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया।
विवेचना में ये भी पता लगाया जा रहा है कि सिम्स के अन्य स्टाफ की संलिप्तता तो नहीं है । यह बड़ी आश्चर्यजनक तथ्य सामने आया है कि इतने दिनों से चोरी होने बाद भी रिपोर्ट नहीं कीं गयी थी । जो भी शामिल होगा उसके ख़िलाफ़ कार्यवाही होगी